भागलपुर, छपरा, जलना, नंदेसरी, पटना, राजगीर, श्रीगंगानगर में दमघोंटू है हवा, जानिए आपके शहर का हाल

कल के मुकाबले देखें तो देश में आज खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या घटकर आधी रह गई है

By Lalit Maurya

On: Tuesday 26 March 2024
 

ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के महज आठ शहरों में हवा दमघोंटू हैं। इन शहरों में बारबिल, भागलपुर, छपरा, जलना, नंदेसरी, पटना, राजगीर और श्रीगंगानगर शामिल हैं। देखा जाए तो यह कहीं न कहीं इस ओर भी इशारा है कि देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में प्रदूषण से हालात ज्यादा खराब हैं। कल के मुकाबले देखें तो देश में आज खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या घटकर आधी रह गई है। कल इन शहरों की संख्या 16 दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी तरफ देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में भी 64 फीसदी का इजाफा हुआ है। कल इन शहरों की संख्या 14 दर्ज की गई थी, जो आज बढ़कर 23 पर पहुंच गई है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, करनाल, कारवार और नाहरलगुन जैसे शहर शामिल हैं।

आंकड़ों की मानें तो देश में वाराणसी में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 29 दर्ज किया गया है। वहीं दूसरी तरफ राजगीर में हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 298 रिकॉर्ड किया गया है। श्रीगंगानगर में भी प्रदूषण का स्तर 278 बना हुआ है। देश में संतोषजनक वायु गुवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर 134 पर पहुंच गया है। इन शहरों की संख्या में भी कल के मुकाबले 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों की संख्या कल 103 दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी तरफ मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों की संख्या 70 बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 26 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 235 में से 23 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 25 मार्च 2024 यह आंकड़ा 103 दर्ज किया गया था। 70 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं आठ शहरों बारबिल, भागलपुर, छपरा, जलना, नंदेसरी, पटना, राजगीर और श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में राजगीर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 298 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 63 अंक गिरकर 134 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 133, गाजियाबाद में 86, गुरुग्राम में 133, नोएडा में 110, ग्रेटर नोएडा में 124 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 63 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 92, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 91, जयपुर में 98 और पटना में 218 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 23 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 41, बागलकोट 46, बरेली 45, चामराजनगर 44, चेंगलपट्टू 33, कुड्डालोर 36, धारवाड़ 37, फिरोजाबाद 46, गुवाहाटी 46, हल्दिया 41, करनाल 50, कारवार 50, नाहरलगुन 35, नारनौल 46, पालकालाइपेरुर 38, पुदुचेरी 32, रामनगर 49, रामनाथपुरम 50, सिलचर 45, सिलीगुड़ी 50, शिवसागर 40, सोनीपत 40, और वाराणसी 29 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अंबाला, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कटक, दावनगेरे, देहरादून, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फतेहाबाद, गडग , गांधीनगर, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हापुड़, हसन, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पलवल, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, रायरंगपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिरोही, सिरसा, सूरत, तालचेर, टेंसा, ठाणे , तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उल्हासनगर, वापी, वातवा, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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