16 फीसदी की वृद्धि के साथ देश में 158 पर पहुंचा संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा

देश में काशीपुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 17 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 24 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है। 

By Lalit Maurya

On: Monday 04 March 2024
 

देश में धीरे-धीरे वायु गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। यदि कल के मुकाबले देखें तो संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर 158 पर पहुंच गया है। मतलब की कल के मुकाबले इन शहरों की संख्या में 16 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसका मतलब है की देश में करीब 66 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। देश में काशीपुर की हवा सबसे ज्यादा साफ है जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 17 दर्ज किया गया है। इसी तरह देश के 24 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में कमी आई है। इससे पहले तीन मार्च को बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 26 दर्ज की गई थी। वहीं दूसरी तरफ बर्नीहाट में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 319 पर पहुंच गया है। इसी तरह अगरतला में भी एक्यूआई बढ़कर 300 रिकॉर्ड किया गया है। देश में अगरतला, बारीपदा, बिलीपाड़ा, धारूहेड़ा, नगांव, नलबाड़ी और सुआकाती में हवा खराब है। हालांकि खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में भी कल के मुकाबले कमी आई है। यदि दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल के मुकाबले प्रदूषण में मामूली इजाफा दर्ज किया गया है। बता दें कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 14 अंकों की बढ़ोतरी के साथ बढ़कर 140 पर पहुंच गया है। देश में प्रदूषण की स्थिति को देखें तो आज भी छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चार मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 240 में से 24 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 158 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि तीन मार्च 2024 यह आंकड़ा 136 दर्ज किया गया था। 50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

धारूहेड़ा-नलबाड़ी सहित सात शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बर्नीहाट (319) में स्थिति जानलेवा है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 14 अंक बढ़कर 140 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 134, गाजियाबाद में 82, गुरुग्राम में 174, नोएडा में 95, ग्रेटर नोएडा में 126 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 72 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 40, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 84, जयपुर में 95 और पटना में 85 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 24 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा 43, अंबाला 48, आरा 41, बागलकोट 42, बरेली 42, बिहारशरीफ 50, चामराजनगर 45, देहरादून 30, डूंगरपुर 48, फिरोजाबाद 22, गोरखपुर 39, कानपुर 49, कारवार 43, काशीपुर 17, खुर्जा 40, लखनऊ 40, मदिकेरी 42, मेरठ 50, मुरादाबाद 34, प्रयागराज 44, तुमकुरु 31, उडुपी 46, वाराणसी 29 और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, बद्दी, बदलापुर, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देवास, धारवाड़, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, ग्वालियर, हाजीपुर, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कटिहार, कटनी, खन्ना, कोच्चि, कोलार, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, महाड, मैहर, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मीरा-यंदर, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपुर, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चवाड, पीथमपुर, पुणे, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामानगर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, सहरसा, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सूरत, तालचेर, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा , वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर और यमुनानगर आदि 158 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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