घरों से ज्यादा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हानिकारक केमिकल्स का सामना करते हैं अंतरिक्ष यात्री

रिसर्च के अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर आम घरों की तुलना में कहीं ज्यादा हानिकारक रसायनों का सामना करना पड़ता है

By Lalit Maurya

On: Wednesday 16 August 2023
 
पृथ्वी की परिक्रमा करता इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस)/ फोटो: आईस्टॉक

वैज्ञानिकों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में भी हानिकारक केमिकल के होने के सबूत मिले हैं। इस बारे में किए एक नए अध्ययन के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगे एयर फिल्टरों से इकट्ठा की धूल में हानिकारक केमिकल मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी मात्रा ज्यादातर अमेरिकी घरों की धूल में मौजूद हानिकारक केमिकल्स की मात्रा से भी ज्यादा है।

शोधकर्ताओं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के एयर फिल्टर से निकलने वाली धूल की जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उस धूल में मौजूद आर्गेनिक दूषित पदार्थों का स्तर किसी आम अमेरिकी या पश्चिमी यूरोप घरों में आमतौर पर पाए जाने वाले हानिकारक पदार्थों की तुलना में अधिक है।

इसका मतलब है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर आम घरों की तुलना में कहीं ज्यादा हानिकारक रसायनों का सामना करना पड़ता है। बर्मिंघम विश्वविद्यालय के साथ-साथ नासा ग्लेन रिसर्च सेंटर, यूएसए के शोधकर्ताओं द्वारा किए इस अध्ययन के नतीजे जर्नल एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी लेटर्स में में आठ अगस्त 2023 को प्रकाशित हुए हैं।

रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों 'स्पेस डस्ट' में पॉलीब्रोमिनेटेड डिफेनिल ईथर (पीबीडीई), हेक्साब्रोमोसायक्लोडोडेकेन (एचबीसीडीडी), ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट्स (बीएफआर), ऑर्गनोफॉस्फेट एस्टर (ओपीई), पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच), पेरफ्लूरोएल्किल सब्सटांस (पीएफएएस) और पॉलीक्लोराइनेटेड बाइफिनाइल्स (पीसीबी) जैसे हानिकारक पदार्थ मिले हैं।

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है इन केमिकल्स का बढ़ता स्तर

इनमें से बीएफआर और ओपीई का उपयोग विभिन्न देशों में इलेक्ट्रॉनिक्स, बिल्डिंग्स में इन्सुलेशन के साथ-साथ फर्नीचर और कपड़े जैसे उत्पादों के अलावा आग से बचाव के लिए बनाए उत्पादों में किया जाता है। अध्ययन के बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके नतीजे भविष्य में अंतरिक्ष यान के बेहतर डिजाइन और निर्माण में मददगार हो सकते सकते हैं।

पीएएच हाइड्रोकार्बन ईंधन में मौजूद होते हैं, जो जलने से मुक्त होते हैं। पीसीबी का उपयोग निर्माण सामग्री और इलेक्ट्रॉनिक्स में किया जाता है, जबकि पीएफएएस का उपयोग कपड़ों पर दाग हटाने के लिए किया जाता है। हालांकि इनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए इनमें से कुछ को प्रतिबंधित और कुछ का उपयोग सीमित कर दिया गया है।

पीसीबी, कुछ पीएफएएस, एचबीसीडीडी, और पेंटा-, ऑक्टा- और डेका-बीडीई पीबीडीई को स्टॉकहोम कन्वेंशन ने लंबे समय तक रहने वाले प्रदूषक के रूप में वर्गीकृत किया है। कुछ पीएएच कैंसर से भी जुड़े हैं, और कुछ ओपीई को यूरोपियन केमिकल एजेंसी प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है।

अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता और बर्मिंघम विश्वविद्यालय में प्रोफेसर स्टुअर्ट हैराड का इस बारे में कहना है कि, "निष्कर्ष भविष्य में अंतरिक्ष स्टेशनों और रहने की जगहों को डिजाइन करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। डिजाईन और निर्माण के प्रारंभिक चरणों के दौरान सावधानीपूर्वक सामग्री चुनने से, हम प्रदूषण के कई स्रोतों को रोकने में सक्षम हो सकते हैं।“

उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि आईएसएस की धूल में पाए जाने वाले हानिकारक पदार्थों का स्तर अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के घरों और इनडोर स्थानों की तुलना में अधिक पाया गया, ये पदार्थ आम तौर पर पृथ्वी पर तय सीमा के दायरे में होते हैं।

वैज्ञानिकों को यह भी पता चला है कि आईएसएस की धूल में मिले पीबीडीई का स्तर अमेरिकी घरों की धूल में पाए जाने वाले स्तर के बराबर ही था। वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा आईएसएस पर व्यक्तिगत उपयोग के लिए लाए गए कैमरे, एमपी3 प्लेयर, टैबलेट, चिकित्सा उपकरण और कपड़े जैसी रोजमर्रा की चीजें इन रसायनों के संभावित स्रोत हो सकते हैं।

रिसर्च के अनुसार आईएसएस के अंदर हवा हर आठ से दस घंटे पुन: प्रसारित की जाती है। इसी तरह वहां मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसीय प्रदूषकों को हटाया जाता है। हालांकि बीएफआर को किस हद तक हटाया जाता है, इस बारे में जानकारी नहीं है।

इतना ही नहीं वहां मौजूद आयनकारी विकिरण के उच्च स्तर के चलते चीजे तेजी से खराब होती हैं। इसमें प्लास्टिक के सामानों का सूक्ष्म और नैनोप्लास्टिक में टूटना भी शामिल है। यही वजह है कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद धूल में पीबीडीई, एचबीसीडीडी, एनबीएफआर, ओपीई, पीएएच, पीएफएएस और पीसीबी का स्तर घरों या अन्य स्थानों की तुलना में अलग हो सकता है।

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