देश में 31 फीसदी बढ़ी 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या, गुरूग्राम में सबसे दूषित रही हवा

अन्य शहरों के मुकाबले देश में रामनाथपुरम की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Wednesday 01 May 2024
 

देश के बाकी शहरों को पीछे छोड़ गुरुग्राम में हवा जानलेवा स्तर पर पहुंच गई है। जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 301 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली, फरीदाबाद में प्रदूषण में गिरावट आई है। जहां दिल्ली में कल के मुकाबले वायु गुणवत्ता में 11 अंको का सुधार आया है। वहीं फरीदाबाद में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक में 67 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 161 पर पहुंच गया है।

आंकड़ों की मानें तो कल के मुकाबले प्रदूषित शहरों की संख्या में 31 फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा बढ़कर 21 पर पहुंच गया है। इन शहरों में आसनसोल (267), बल्लभगढ़ (217), बारबिल (258), भरतपुर (238), भिवाड़ी (222), बीकानेर (275), बिलीपाड़ा (202), चरखी दादरी (223), चुरू (236), दौसा (203), धारूहेड़ा (238), दुर्गापुर (250), ग्रेटर नोएडा (234), हाजीपुर (234), झुंझुनूं (237), मंडी गोबिंदगढ़ (250), नागौर (252), पटना (250), सीकर (266), सिंगरौली (201) और श्रीगंगानगर (224) शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ रामनाथपुरम में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 16 दर्ज किया गया है। यदि गुरूग्राम से तुलना करें तो रामनाथपुरम में वायु गुणवत्ता का स्तर करीब 19 गुणा कम है। आंकड़ों के मुताबिक देश के 17 शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में झांसी, मांडीखेड़ा, मैसूर, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ कल के मुकाबले देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 10 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके बाद इन शहरों का आंकड़ा घटकर 80 पर पहुंच गया है। वहीं देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 128 दर्ज की गई है। कल के मुकाबले देखें तो इन शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है। इन शहरों में भोपाल, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, छपरा, कटक, देहरादून, दिल्ली आदि शामिल हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक मई 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 17 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 89 दर्ज किया गया था।

128 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 21 शहरों आसनसोल, बल्लभगढ़, बारबिल, भरतपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, झुंझुनूं, मंडी गोबिंदगढ़, नागौर, पटना, सीकर, सिंगरौली, श्रीगंगानगर में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (301) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 11 अंक गिरकर 198 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 161, गाजियाबाद में 179, गुरुग्राम में 301, नोएडा में 177, ग्रेटर नोएडा में 234 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 102 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 171, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 100, हैदराबाद में 88, जयपुर में 186 और पटना में 250 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

पालकालाइपेरुर (28) सहित देश के जिन 17 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 36, अमृतसर 50, अरियालूर 29, बागलकोट 50, चामराजनगर 49, कुड्डालोर 38, झांसी 47, मांडीखेड़ा 34, मैसूर 49, पालकालाइपेरुर 28, पुदुचेरी 32, रामनाथपुरम 16, सूरत 49, वाराणसी 39 वेल्लोर 46, विजयपुरा 42, और विरुधुनगर 48 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बरेली, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, देवास, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, जालंधर, कडपा, कलबुर्गी, कन्नूर, करनाल, कारवार, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोरबा, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मंगलौर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, ऊटी, पटियाला, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोनीपत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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