क्या होता है स्मॉग टावर? कैसे करता है हवा को साफ यहां जाने

स्मॉग टावर बड़े पैमाने पर हवा को साफ करने के लिए डिजाइन की गई संरचनाएं हैं

By Dayanidhi

On: Wednesday 25 August 2021
 

आजकल दिल्ली में लगा स्मॉग टावर काफी चर्चा में है, दरसल सन 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण से निपटने के लिए स्मॉग टावर लगाने की योजना बनाने का निर्देश दिया था। अदालत पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी। क्या आप जानते है कि स्मॉग टावर क्या होता है, कैसे काम करता है?

स्मॉग टावर क्या है?

स्मॉग टावर बड़े पैमाने पर हवा को साफ करने के लिए डिजाइन की गई संरचनाएं हैं। प्रदूषित हवा के स्मॉग टावर में प्रवेश करने के बाद, इसे वातावरण में पुन: छोड़ने से पहले कई परतों द्वारा साफ किया जाता है।

वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए स्मॉग टावरों को बड़े पैमाने पर वायु शोधक के रूप में उपयोग किया गया है। हवा को सोखने के लिए एयर फिल्टर की कई परतें इसमें लगाई जाती हैं। फिल्टर प्रदूषित हवा को सोखने के बाद फिर से वातावरण में उसे साफ करके छोड़ देते हैं। वे पीएम2.5 कणों को बाहर निकालने के लिए हीपा फिल्टर तकनीक के सिद्धांत पर काम करते हैं। इस तरह के तरीकों को वैज्ञानिक रूप से अच्छी तरह से स्थापित किया गया है।

स्मॉग टावर कैसे काम करता है?

टावर द्वारा 24 मीटर की ऊंचाई पर, प्रदूषित हवा को सोखा जाता है और छानी (फिल्टर) गई हवा संरचना (टावर) के तल पर छोड़ी जाती है, जो जमीनी से लगभग 10 मीटर ऊंची होती है। संरचना के तल पर पंखे संचालित होने के बाद, ऊपर से नकारात्मक दबाव के कारण हवा को सोखा जाता है। मैक्रो परत तब 10 माइक्रोन या उससे बड़े कणों को इसमें फंसाती है, जबकि माइक्रोलेयर लगभग 0.3 माइक्रोन के आकार वाले कणों को फिल्टर करता है।

दिल्ली में लगे टावर में स्थापित एक स्वचालित पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (एससीएडीए) प्रणाली द्वारा वायु गुणवत्ता की निगरानी की जाती है। यह तापमान और आर्द्रता के अलावा पीएम2.5 और पीएम10 के स्तर को भी मापेगा, जिसे टावर के ऊपर एक बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाता है।

स्मॉग टावर के (कॉम्पोनेन्ट) अवयव

यदि दिल्ली में लगी संरचना की बात करें तो यह 24 मीटर ऊंची है, लगभग 8 मंजिला इमारत के बराबर, इसमें एक 18 मीटर कंक्रीट टावर 6 मीटर ऊंची छत के ऊपर लगा होता है।  इसके आधार पर 40 पंखे हैं, हर तरफ से 10 पंखे लगे होते है, यह 25 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड हवा को साफ कर वातावरण में छोड़ सकते हैं, जो पूरे टॉवर के लिए 1,000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड तक जोड़ सकता है। टावर के अंदर दो परतों में 5,000 फिल्टर लगे हैं। यह 1 किमी के दायरे में हवा को साफ करने के लिए माना जाता है। इसमें लगे फिल्टर और पंखे अमेरिका से आयात किए गए हैं।

कब हुई स्मॉग टावर की खोज

डच कलाकार डैन रूजगार्ड ने 2017 में चीन के बीजिंग में स्मॉग टावर का पहला प्रोटोटाइप बनाया था। इसे एक प्रदर्शन के रूप में बनाया गया था जो फ़िल्टर किए गए कणों में कार्बन को हीरे में परिवर्तित करता है।

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