भारत में कहां घटा, कहां बढ़ा प्रदूषण, जानिए देश के हर शहर का हाल

बारबिल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 284 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ पालकालाइपेरुर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया है

By Lalit Maurya

On: Saturday 06 April 2024
 

देश में दूसरे शहरों को पीछे छोड़ बारबिल में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बढ़कर 284 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ पालकालाइपेरुर में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 28 दर्ज किया गया है। वहीं ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश के 250 में से 16 शहरों में हवा दमघोंटू है। इन शहरों में अंगुल, रियालूर, आसनसोल, बारबिल, बिलीपाड़ा, छाल, दुर्गापुर, गुरूग्राम, क्योंझर, कोल्लम, नयागढ़, रोहतक, राउरकेला, सिंगरौली, श्रीगंगानगर और सुआकाती शामिल हैं। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो आज 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कमी आई है। बता दें कि कल इन शहरों की संख्या 21 दर्ज की गई थी।
वहीं दूसरी तरफ देश के छोटे-बड़े 17 शहरों में हवा बेहतर दर्ज की गई है। इन शहरों में अमरावती, अंबाला, बागलकोट, बेलगाम, चामराजनगर, हल्दिया, मदिकेरी, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पंचकुला, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रामनाथपुरम, सूरत, तुमकुरु और वाराणसी शामिल हैं। बता दें कि कल 16 शहरों में हवा बेहतर दर्ज की गई थी।

यदि देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो वहां प्रदूषण मध्यम बना हुआ है। कल के मुकाबले दिल्ली के प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई है। इस गिरावट के बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 167 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में सूचकांक 170 रिकॉर्ड किया गया है। देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कल के मुकाबले इजाफा हुआ है। जहां कल 98 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 'संतोषजनक' दर्ज किया गया था। वहीं आज इन शहरों की संख्या बढ़कर 107 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ देश के 110 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 अप्रैल 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 250 में से 17 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 107 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 अप्रैल 2024 यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया था। 110 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 16 शहरों अंगुल, रियालूर, आसनसोल, बारबिल, बिलीपाड़ा, छाल, दुर्गापुर, गुरूग्राम, क्योंझर, कोल्लम, नयागढ़, रोहतक, राउरकेला, सिंगरौली, श्रीगंगानगर और सुआकाती में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बारबिल में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 पर पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स छह अंक गिरकर 167 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 140, गुरुग्राम में 218, नोएडा में 152, ग्रेटर नोएडा में 168 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 131 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 115, चेन्नई में 59, चंडीगढ़ में 110, हैदराबाद में 95, जयपुर में 98 और पटना में 197 दर्ज किया गया।  

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

वाराणसी सहित देश के जिन 17 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती 48, अंबाला 49, बागलकोट 50, बेलगाम 43, चामराजनगर 46, हल्दिया 50, मदिकेरी 43, ऊटी 35, पालकालाइपेरुर 28, पंचकुला 43, पुदुचेरी 31, राजमहेंद्रवरम 36, राजगीर 42, रामनाथपुरम 34, सूरत 50, तुमकुरु 46 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, दावनगेरे, देहरादून, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग , गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हापुड़, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, जलना, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कानपुर, करौली, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोलकाता, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पलवल, पानीपत, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सागर, सांगली, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोनीपत, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपति, उदयपुर, वातवा , वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर आदि 107 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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