गुजरात के भरूच में एक और कारखाने में विस्फोट, एक की मौत

भरूच जिले के अंकलेश्वर इलाके में एक केमिकल फैक्ट्री में विस्फोट हो गया, जबकि इससे लगभग एक सप्ताह पहले दहेज इलाके में ऐसा ही विस्फोट हुआ था

By DTE Staff

On: Thursday 11 June 2020
 
The blast happened between 2 and 3 am at the unit of Hemani Industries Pvt Ltd. Photo: Salim Patel

11 जून, 2020 को गुजरात के अंकलेश्वर में गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) के केमिकल एस्टेट के एक कारखाने में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई  और पांच अन्य घायल हो गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, यह धमाका हेमनी इंडस्ट्रीज लिमिटेड की यूनिट में हुआ, जिसका मुख्यालय भरूच में स्थित है। यह कंपनी कृषि रसायन, कीटनाशक स्प्रेयर और कीटनाशक बनाती है। कंपनी की दो यूनिट भरूच जिले के अंकलेश्वर और दहेज में हैं।

विस्फोट रात 2 से 3 बजे के बीच हुआ। सूत्रों ने बताया कि घायल हुए पांच श्रमिकों में से तीन की हालत गंभीर है और मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

भरूच जिले में एक पखवाड़े से भी कम समय में यह दूसरा औद्योगिक हादसा है। 3 जून को दहेज के बंदरगाह में यशस्वी केमिकल प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में विस्फोट हुआ। उस हादसे में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है।

7 मई, 2020 की सुबह, विशाखापत्तनम के आरआर वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर प्राइवेट लिमिटेड की इकाई से जहरीली स्टाइलिन गैस का रिसाव हुआ। हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

उसी दिन शाम को, तमिलनाडु के नेवेली में एनएलसी इंडिया लिमिटेड के थर्मल पावर स्टेशन पर दो बॉयलरों में विस्फोट हो गया, जिससे आठ लोग घायल हो गए।

पिछले दिन, 6 मई को, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक पेपर मिल में एक और गैस रिसाव दुर्घटना हुई थी, जिसके बाद सात श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।

गुजरात के पर्यावरण कार्यकर्ता रोहित प्रजापति ने डाउन टू अर्थ को बताया कि गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्वास्थ्य और सुरक्षा निदेशक को चाहिए था कि कोविड-19 लॉकडाउन के बाद कारखाने खोलते हुए अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए था, लेकिन इन दोनों विभागों को दूसरे काम सौंप दिए गए हैं। अब भी ये विभाग अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इस तरह की दुर्घटनाओं का अंदेशा पहले से ही था।

प्रजापति ने कहा कि भारत में आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने केवल बाढ़ और चक्रवातों और कुछ हद तक, भूकंपों को समझा, लेकिन वे रासायनिक आपातकाल से निपटना नहीं जानते हैं। यहां तक ​​कि गुजरात, एक ऐसा राज्य है, जहां केमिकल इंडस्ट्रीज बड़ी तादात में हैं और वहां अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है।

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