वायुमंडल को प्रदूषित कर रही हैं लाल सागर से निकलने वाली गैसें: स्टडी

पानी में इन गैसों का रिसाव मिस्र, इज़राइल, जॉर्डन और सऊदी अरब सहित कई देशों के रिसॉर्ट्स और बंदरगाहों से हो रहा हैं। ये गैसें औद्योगिक शिपिंग से होने वाले उत्सर्जन के साथ घुल जाती हैं

By Dayanidhi

On: Wednesday 29 January 2020
 
Photo credit: World atlas

एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि लाल सागर के नीचे से निकलने वाली हाइड्रोकार्बन गैसें कुछ बड़े जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) निर्यातक देशों के उत्सर्जन के बराबर की दर से वायुमंडल को प्रदूषित कर रही हैं।

पानी में इन गैसों का रिसाव मिस्र, इज़राइल, जॉर्डन और सऊदी अरब सहित कई देशों के रिसॉर्ट्स और बंदरगाहों से हो रहा हैं। ये गैसें औद्योगिक शिपिंग से होने वाले उत्सर्जन के साथ घुल जाती हैं और वे प्रदूषण में बदल जाती हैं। जो इंसानों के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं।

मिडिल ईस्ट में दुनिया के आधे से अधिक तेल और गैस भंडार हैं। वहां तेजी से जीवाश्म ईंधन का दोहन होता है, जिसके कारण इस क्षेत्र से भारी मात्रा में गैसीय प्रदूषक वायुमंडल में फैल जाते हैं। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

अपने अभियान के दौरान 2017 में खाड़ी के आसपास, मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर केमिस्ट्री के शोधकर्ताओं ने देखा कि उत्तरी लाल सागर के ऊपर हवा में ईथेन और प्रोपेन का स्तर अनुमान से 40 गुना अधिक था।

टीम ने गैस उत्सर्जन के लिए संभावित स्रोतों का विश्लेषण किया, जिसमें यातायात, कृषि, बायोमास को जलाना और हाइड्रोकार्बन से बिजली उत्पादन शामिल है। उन्होंने पाया कि गैस और तेल के रिजर्वायर से गैसें समुद्र तल में रिस रही थी। इन गैसों को समुद्र की लहरों द्वारा सतह पर ले जाया जाता है, जहां वे एक और ग्रीनहाउस गैस, औद्योगिक शिपिंग द्वारा उच्च मात्रा में उत्सर्जित नाइट्रस ऑक्साइड के साथ मिलते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, ये गैसीय यौगिक मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि हमने इस डेटासेट पर काम करने में लगभग दो साल बिताए, ताकि यह साबित हो सके कि उत्सर्जन समुद्र की सतह से करीब दो किलोमीटर नीचे से हो रहा है।

टीम ने गणना की कि कई हाइड्रोकार्बन निर्यातक देशों, जैसे संयुक्त अरब अमीरात या कुवैत में ईथेन और प्रोपेन रिसाव की दर काफी अधिक थी।

अध्ययन के अनुसार यह वायुमंडलीय मीथेन का एक अन्य स्रोत है, जो ग्रीनहाउस गैस की दर को सबसे अधिक बढ़ा रहा है। पृथ्वी के सबसे व्यस्त परिवहन मार्ग में से एक, उत्तरी लाल सागर से गुजरने वाले शिपिंग कंटेनरों की बड़ी संख्या के कारण नाइट्रस ऑक्साइड प्रदूषण बहुत बढ़ गया है।

बोर्सोकिडिस ने कहा कि आने वाले दशकों में लाल सागर और स्वेज़ नहर के माध्यम से जहाजों के यातायात में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है, जिससे नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन में वृद्धि के आसार हैं। उत्सर्जन बढ़ने से क्षेत्रीय हवा की गुणवत्ता में काफी गिरावट आएगी।

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