रेडिएशन के खतरे के बीच काम कर रहे हैं दुनिया में 2.4 करोड़ श्रमिक

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ मिलकर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

By Anil Ashwani Sharma

On: Tuesday 06 September 2022
 
Photo: Flickr

विश्वभर में 2.4 करोड़ श्रमिक विकिरिण (रेडिएशन) प्रभावित क्षेत्र में काम कर रहे हैं। यह बहुत ही भयावह स्थिति है। इस भयावह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ मिलकर तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया है।

यह सम्मेलन स्विट्जरलैंड सरकार द्वारा आयोजित किया गया है। सम्मेलन में दुनिया भर के 500 से अधिक विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं। ये विशेषज्ञ विकिरण से श्रमिकों की सुरक्षा को और मजबूती प्रदान करने के लिए सूचनाओं और अपने-अपने अनुभवों पर गहन विचार विमर्श करेंगे।

यह आयोजन गत पांच सितंबर से शुरू हुआ है और आगामी नौ सितंबर तक चलेगा। सम्मेलन में पिछले बीस सालों में श्रमिकों पर हुए विकिरण के प्रभाव के अंतरराष्ट्रीय मानकों और सुरक्षा के लिए की गई सिफारिशों की समीक्षा भी की जाएगी। साथ ही एक बेहतर वैश्विक पेशेवर विकिरण सुरक्षा प्रणाली की पहचान करेगी, ताकि श्रमिकों पर विकिरण के प्रभाव को खत्म किया जा सके।

ध्यान रहे कि विकिरण का जोखिम आमतौर पर परमाणु क्षेत्र में काम करने वाले या रेडियोधर्मी स्रोतों से निपटने वालों से जुड़ा होता है। इसके अलावा अन्य व्यवसायों में काम करने वाले, जैसे कि खनिक, एयरक्रू, शोधकर्ता और स्वास्थ्य कर्मी भी पर्याप्त उपाय नहीं किए जाने पर गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं।

इसके अलावा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में दुर्घटनाएं न केवल श्रमिकों के लिए बल्कि स्थानीय समुदायों और पर्यावरण के लिए भी विनाशकारी प्रभाव डाल सकती है। इसलिए सख्त नियम और नियंत्रण के कठोर उपायों को लागू करने की जरूरत है। इन सभी विषयों पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाएगा।

सम्मेलन के उप-महानिदेशक विक वान वुरेन ने कहा कि 1919 में श्रमिकों के स्वास्थ्य की रक्षा आईएलओ की स्थापना के बाद से यह एक संवैधानिक उद्देश्य रहा है। हम अभी भी इस उद्देश्य से बहुत दूर हैं। वह कहते हैं कि यह सम्मेलन ज्ञान और अनुभव का आदान-प्रदान करने के लिए एक उत्कृष्ट अवसर के रूप में काम करेगा और सभी उद्योगों और देशों में श्रमिकों के विकिरण सुरक्षा को बढ़ाने और काम के माहौल को सुरक्षित व स्वस्थ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

जून 1960 में हुए अंतर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में विकिरण संरक्षण की सिफारिश नंबर 115 और सिफारिश नंबर 114 को स्वीकार किया गया था। सम्मेलन के दौरान बनाए गए इन प्रावधानों को आईएलओ के प्रत्येक सदस्य ने पुष्टि की थी और इन प्रावधानों को अपने-अपने देशों में कानूनों और अन्य उपयुक्त नियमों के माध्यम से प्रभावी रूप से लागू करने की बात स्वीकारी थी। यह एकमात्र अंतरराष्ट्रीय कानूनी साधन है जो विकिरण के खिलाफ श्रमिकों की सुरक्षा प्रदान करता है। इस सम्मलेन में लिए गए निर्णयों को 50 देशों द्वारा पुष्टि की गई थी।

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