स्टरलाइट के बाद वीवी टायटेनियम कंपनी के विरोध में ग्रामीण

जिला कलेक्टर ने कहा, किसी भी तरह की गडबड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई होगी। प्रदर्शन करने की नौबत नहीं आएगी 

On: Tuesday 26 February 2019
 
Credit: Akshit Sangomla

पुरुषोत्तम रेड्डी   

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के तुत्तुकुडी स्थित वेदांता के स्टरलाइट प्लांट को दोबारा खोलने की मंजूरी देने से इकार कर दिया है। लेकिन अब तुत्तीकुड़ी में ही स्थित वीवी टायटेनियम नामक दूसरी कंपनी है जिसके बारे में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने शिकायत की है। इस संबंध में और तुत्तुकुडी जिले में प्लांट के बंद होने के बाद वहां की वस्तुस्थिति जानने के लिए जिला कलेक्टर संदीप नंदूरी से बातचीत की:

जिले के कई ग्रामीणों से बातचीत हुई, जिसमें वे कह रहे है कि वीवी टायटेनियम नामक दूसरी कंपनी है, जिससे हम सभी को शिकायत है? 

अभी वह कंपनी बंद है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने कंपनी को नोटिस दे दिया है। अगर किसी को इस कंपनी से परेशानी होती है तो हम इसकी जांच करेंगे लेकिन मैं आपको यह विश्वास दिलाता हूं कि कंपनी का संचालन नहीं हो रहा है। स्टरलाइट और दूसरी कंपनी जिससे परेशानी उत्पन्न हो रही हैं, उस इलाके का नियमित रूप से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड वायु गुणवत्ता की जांच कर रहा है। 

लेकिन, ग्रामीण कंपनी को बंद कराना चाहते हैं और फिर से प्रदर्शन करने की बात कर रहे हैं?

नहीं, ऐसा नहीं है। कंपनी पहले से ही बंद है। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी नियमित रूप से जांच में लगे हुए हैं। अगर किसी भी तरह की गडबड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई होगी। प्रदर्शन करने की नौबत नहीं आएगी। हम पहले ही मामला सुलझा लेंगे। 

तुत्तुकुड़ी हिंसा हुए कई महीने बीत गए हैं, अभी क्या हालात है?

अभी हालात सामान्य है। कहीं से कोई झड़प या विरोध-प्रदर्शन की रिपेार्ट नहीं मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपने अपने काम में व्यस्त है।

प्लांट के बंद होने के बाद 3,500 से अधिक लोगों की रोजी-रोटी छीन गई। उनके लिए क्या कदम उठा रही है सरकार? 

ग्रामीण इलाकों के बेरोजगार लोगों के लिए हम तुत्तुकुड़ी इम्प्लॉयमेंट एसिसटेंस प्रोग्राम नामक वेब पोर्टल शुरू किया है। ये बेराजगारों को उनके कौशल और क्षमता के अनुसार रोजगार देने की नई पहल है। 

क्या नौकरी दिलाने में वेब पोर्टल कारगर साबित होगा?

इस पोर्टल में हम उन लोगों को लक्ष्य कर रहे हैं जो स्टरलाइट प्लांट बंद होने के बाद बेरोजगार हो गए हैं। जिन्हें दूसरा काम अब तक नहीं मिला है। उनके कार्य कौशल, क्षमता के साथ अन्य विवरण पोर्टल में अपलोड किया जा रहा है। इनके डिटेल्स यहां आसपास के कई कंपनियों को भेजी जाएगी। जिन लोगों का कौशल और विवरण उक्त इम्प्लॉयर की मांग से मेल खाएगी। उन्हें नौकरी मिल जाएगी। घायलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। जो लोग अस्पताल में है और कुछ महीने अस्पताल में रहेंगे उनके लिए यह सुविधा है। उन्हें जब अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी तो उनका विवरण भी पोर्टल में शामिल कर लिया जाएगा। 

घायलों के लिए सरकार ने क्या किया

हिंसा में 118 लोग घायल हुए थे, जिसमें 43 गंभीर घायल हुए थे। सरकार द्वारा सभी गंभीर घायलों को पांच-पांच लाख और सामान्य घायलों को 50 हजार से डेढ़ लाख का मुआवजा दिया जा चुका है। इससे पहले सरकार हिंसा में मारे गए 13 मृतकों के परिजनों को 30-30 लाख रुपए मुआवजा दे चुकी है। 

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