एसओई इन फिगर्स 2023 : उत्तर प्रदेश में हर दिन निकलने वाले कचरे में 62 फीसदी कूड़े की गणना नहीं

हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड के पास अनकाउंटेड वेस्ट का कोई हिसाब नहीं है तो जम्मू-कश्मीर में प्रतिदिन निकलने वाले 1436.23 टन कचरे में 36.89 फीसदी कचरा अनकाउंटेड वेस्ट होता है। 

By Vivek Mishra

On: Sunday 04 June 2023
 

उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन निकलने वाले 14710 टन नगरीय ठोस अपशिष्ट में 62.47 फीसदी कचरा गणना से बाहर होता है। अनकाउंटेड वेस्ट का मतलब है कि ऐसा कूड़ा जिसका कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता है, यह कूड़ा लैंडफिल साइट तक नहीं पहुंच रहा है और जहां-तहां सड़कों-नालियों में जाम  है। 
 
नई दिल्ली स्थित थिंकटैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवाॉयरमेंट की एसओई इन फिगर्स 2023 रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है।  रिपोर्ट के मुताबिक अकेले उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला ऐसा राज्य नहीं है। बल्कि सर्वाधिक अनअकाउंटेड वेस्ट (गणना से बाहर अपशिष्ट) वाले 10 राज्यों में से छह उत्तर पूर्व में हैं। इनमें असम (96.55 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (93.66 प्रतिशत), अरुणाचल प्रदेश (88.37 प्रतिशत), नागालैंड (60.82 प्रतिशत), मणिपुर (32.59 प्रतिशत) और त्रिपुरा (32.03 प्रतिशत) शामिल हैं।
 
हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड के पास अनकाउंटेड वेस्ट का कोई हिसाब नहीं है तो जम्मू-कश्मीर में प्रतिदिन निकलने वाले 1436.23 टन कचरे में 36.89 फीसदी कचरा अनकाउंटेड वेस्ट बनता है। अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो प्रतिदिन निकलने वाले 10990 टन कचरे में 2.40 फीसदी कचरा लैंडफिल में न पहुंचकर सड़कों और नाला-नालियों में चला जाता है। 
 
दिल्ली के आस-पास के राज्यों में भी अनकाउंटेड वेस्ट पैदा होता है। मसलन हरियाणा में प्रतिदिन निकलने वाले 5352 टन कचरे में 1.13 फीसदी कचरा अनकाउंटेड वेस्ट होता है जबकि पंजाब में प्रतिदिन निकलने वाले 4,338 टन कचरे में 1.37 फीसदी और राजस्थान में प्रतिदिन निकलने वाले 6897 टन कचरे में 8.77 फीसदी अनकाउंटेड वेस्ट होता है। 
 
एसओई इन फिगर्स 2023 रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में प्रतिदिन निकलने वाले 8022.5 टन कचरे में 9.81 फीसदी अनकांउटेड वेस्ट होता है जबकि महाराष्ट्र में प्रतिदिन निकलने वाले 22632 टन कचरे में 27.49 फीसदी अनकाउंटेड वेस्ट होता है।   

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