सीसीटीवी कैमरे से कूड़ा-कचरा प्रबंधन, अपर्णा की पहल काम आई

कैमरे के जरिए अपर्णा ने उन लोगों की पहचान की जो चुपके से उनके घर के आस-पास कूड़ा-कचरा फेक रहे थे।

By DTE Staff

On: Tuesday 27 June 2023
 

क्या आपके शहर और मोहल्ले में भी घरों से बाहर सड़कों पर ही कूड़ा-कचरा फेक देने का चलन है? अगर हां तो इसे रोकने के लिए अपर्णा की पहल आपके काम की हो सकती है। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की रहने वाली अपर्णा ने न सिर्फ गलत को गलत कहने का साहस दिखाया बल्कि उसे सही करने का बीड़ा भी उठाया। उन्होंने अपने घर के आस-पास कूड़ा फेकने वालों को न सिर्फ उनकी गलत आदत को बदला बल्कि एक मिसाल भी पेश की। 

अर्पणा के इस काम में उनका सहयोग लखनऊ स्थित गैर सरकारी संस्था फिनिश सोसाइटी की टीम ने दिया। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर अपर्णा ने उनके घर के आस-पास चुपचाप कूड़ा-कचरा फेकने वाले लोगों की पहचान के लिए अपने घर पर गैर सरकारी संस्था फिनिश सोसाइटी की मदद सीसीटीवी कैमरा लगा दिया। 

कैमरे के जरिए अपर्णा ने उन लोगों की पहचान की जो चुपके से उनके घर के आस-पास कूड़ा-कचरा फेक रहे थे। सभी की एक सूची बनाई गई। यह सभी लोग मुहल्ले में आने वाले स्वच्छवीरों को अपना कचरा देने के बजाए सड़क पर फेक रहे थे। इसके बाद अपर्णा ने फिनिश सोसाइटी की मदद से व्यक्तिगत रूप से इन सभी के घरों पर जाकर उनकी आदत में बदलाव के लिए बातचीत शुरू की। सभी को कचरा प्रबंधन के महत्व को समझाया गया। उसके वैज्ञानिक प्रबंधन के बारे में बताया गया। 

इस कदम के बाद उन सभी लोगों के दिल बदल गए जो अपर्णा के घर के आस-पास कचरा फेंक रहे थे।  

अपर्णा कहती हैं "हरदोई एक पिछड़ा जिला था जो उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ से निकटता के कारण अब एक उभरता हुआ औद्योगिक जिला है जहाँ लोगों ने एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाना शुरू कर दिया है,लेकिन ऐसी अन्य आदतें भी हैं जिन्हें तत्काल बदलने की आवश्यकता है।” वह आगे कहती हैं कि घर से निकलने वाले कूड़ा कचरे के उचित निस्तारण के लिए लोगों की आदत में बदलाव भी एक अत्यंत जरूरी कदम है। यह बदलाव छोटे-छोटे स्तर पर किया जा सकता है। 

फिनिश सोसाइटी की सहायक प्रबंधक अलका कुमारी कहती हैं कि कूड़ा-कचरा प्रबंधन करना व्यक्तिगत तौर पर एक महत्वपूर्ण आदत है। इसका वैज्ञानिक प्रबंधन करके ही असल मायने में स्वच्छता हासिल की जा सकती है। 

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