पर्यावरण औेर स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है बिग डेटा: स्टडी

अध्ययन में कहा गया है कि डेटा स्टोरेज ने पिछले 40 वर्षों में बिग डेटा की मात्रा में काफी वृद्धि की है, लेकिन फिर भी हमारी पृथ्वी गंभीर खतरों का सामना कर रही है

By Dayanidhi

On: Monday 27 April 2020
 
Photo: pexels

बृहत् आंकड़ा (बिग डेटा) उन आंकड़ों को कहते हैं जो विशाल होते हैं, जो विश्लेषण करने के तरीकों में उपयोग किए जाते है। बिग डेटा के विश्लेषण की मदद से आने वाली समस्या के साथ उसका समाधान किया जा सकता है। बिग डेटा पर्यावरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक नए पेपर के अनुसार, बृहत् आंकड़ा (बिग डेटा) के उपयोग से न केवल पर्यावरण में आ रही गिरावट को रोकने में वैज्ञानिकों को मदद मिल सकती है बल्कि यह इसे दूर करने के लिए समाधान का हिस्सा भी बन सकता है। 

अध्ययन में कहा गया है कि संगणना (कंप्यूटिंग) गति में वृद्धि हुई है और डेटा स्टोरेज ने पिछले 40 वर्षों में बिग डेटा की मात्रा में काफी वृद्धि की है, लेकिन फिर भी हमारी पृथ्वी गंभीर खतरों का सामना कर रही है। 

यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न स्कूल ऑफ जियोग्राफी के मुख्य अध्ययनकर्ता डॉ रेबेका रनिंग का कहना है कि जब हमारे पास वर्तमान में पर्यावरण के बारे में डेटा उत्पन्न करने, संग्रहीत करने, उपयोग करने और विश्लेषण करने की अभूतपूर्व क्षमता है, तो ये तकनीकी प्रगति दुनिया को तब तक मदद नहीं करेगी जब तक इसका सही से उपयोग नहीं होगा।

डॉ. रनिंग ने कहा कि बिग डेटा के विश्लेषणों के माध्यम से पर्यावरण के संरक्षण की नीति बनाने और प्रबंधन में उपयोग किया जाना चाहिए।

समीक्षकों ने बताया कि 2000 से 2012 तक 23 लाख वर्ग किलोमीटर जंगल खत्म हो गए, इसी तरह समुद्र और तटीय पारिस्थितिक तंत्र में भी लगातार गिरावट रही है। 7 लाख से अधिक उपग्रह चित्रों के विश्लेषण से पता चलता है कि पृथ्वी में 1984 के बाद से आए ज्वार और अन्य कारणों से 20 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक समतल भूमि का नुकसान हो चुका है।

डॉ. रनिंग ने कहा, वर्तमान में कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारें प्रभावशाली डेटा विश्लेषण के आधार पर तेजी से स्वास्थ्य संबंधी निर्णय ले रहे हैं। यह दौर सीखने और पर्यावरणीय क्षेत्र में विश्लेषण और निर्णय लेने का अवसर हो सकता हैं।

क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के सह-अध्ययनकर्ता प्रोफेसर जेम्स वॉटसन ने कहा गूगल अर्थ इंजन जैसे मंचों और उपग्रहों की क्षमता को ट्रैक करने और कंप्यूटर को तेज़ी से जानकारी भेजने के लिए उपयोग किया जा सकता है। बिग डेटा वैश्विक स्तर पर पर्यावरण-स्वास्थ्य को होने वाले खतरों की पहचान कर सकता है। 

बिग डेटा की मदद से हम अपने पर्यावरण को बेहतर ढ़ग से समझ सकते है। जितना अधिक हम मानचित्रण और विश्लेषण करेंगे, उतना ही अधिक हम पर्यावरण की स्थिति का पता लगा सकते हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी हम अंटार्कटिक बर्फ की चादरें, वेटलैंड्स, या वन, को खतरे से नहीं बचा पा रहे हैं। प्रोफेसर वॉटसन ने कहा बिग डेटा बताता है कि हमारे पास इन सबको बचाने का बहुत अधिक समय नहीं बचा है।

हमारे लिए अच्छी खबर यह है कि बिग डेटा के माध्यम से हम खतरों को बेहतर ढंग से समझ सकते है। उदाहरण के लिए, हम डेटा का उपयोग करके भविष्य के पारिस्थितिकी तंत्र में गिरावट कहां होगी, वन्यजीवों की सुरक्षा कैसे हो, महामारी के खतरों से निपटने के लिए खाका तैयार कर सकते हैं।

डॉ. रनिंग ने कहा कि बिग डेटा पृथ्वी भर में खतरनाक रुझानों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, वास्तविक समय में अवैध मछली पकड़ने की गतिविधि का अनुमान लगाने के लिए एक स्वचालित पोत ट्रैकिंग और निगरानी प्रणाली का उपयोग करना। 

प्रोफेसर वाटसन ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि 'ग्लोबल फारेस्ट वाच' वास्तविक समय में दुनिया के जंगलों की स्थिति की निगरानी के लिए एक गेम चेंजर हो सकता है। वॉटसन ने कहा यह अवैध गतिविधियों की पहचान करने और दुनिया भर में वन संरक्षण को बढ़वा दने में मदद कर सकता है।

पेपर में मानवीय हस्तक्षेप के कारण सकारात्मक पर्यावरणीय परिवर्तनों का भी उल्लेख किया गया है जैसे कि चीन में बड़े हिस्से में देखी गई हरियाली, जो कि बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय नीतियों द्वारा संचालित थी, जिसमें वन संरक्षण और बहाली के लिए कार्यक्रम शामिल थे।

 

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