सात में से चार कोरोनावायरस की वजह से होती है सांस लेने में दिक्कत: रिसर्च

इस अध्ययन के निष्कर्ष कोरोना (कोविड-19) महामारी की जांच करने एवं इसे रोकने के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेंगे

By Dayanidhi

On: Wednesday 08 April 2020
 
Photo: Flickr

 

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि लोगों को संक्रमित करने के लिए जाने वाले सात कोरोनावायरस में से चार श्वसन संक्रमण के लिए जाने जाते हैं। इससे संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है। ये वायरस मौसमी होते हैं और जुकाम की तरह ही फैलते हैं।

अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन के निष्कर्ष कोरोना (कोविड-19) महामारी की जांच करने एवं इसे रोकने के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद करेंगे। यह अध्ययन जर्नल ऑफ़ इन्फेक्शस डिसीसेस में प्रकाशित हुआ है।

अध्ययन करने वाले प्रो. अर्नोल्ड मोंटो ने कहा कि भले ही दुनिया भर में पाए जाने वाले मौसमी कोरोनावायरस सार्स-सीओवी-2 से संबंधित हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि यह वायरस मौसमी कोरोनावायरस की तरह व्यवहार करेगा या नहीं। यह केवल समय ही बताएगा कि क्या सार्स-सीओवी-2 से भविष्य में श्वसन संक्रमण इसी तरह जारी रहेगा या नहीं। यहमार्स’ के साथ फैलता रहेगा यासार्स’ की तरह, मनुष्यों में से पूरी तरह से गायब हो जाएगा। 

शोधकर्ताओं ने बताया कि कोरोनावायरस को काफी समय पहले से लोगों में सांस की बीमारी फैलाने के लिए जाना जाता है। जब जानवरों से कोरोनावायरस मनुष्यों में फैल जाता है तो यह गंभीर बीमारी का कारण बन जाता है। 2002 में सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) और 2012 में मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मार्स) जब ये दोनों कोरोनोवायरस जानवरों से लोगों में फैल गए थे।  माना जा रहा है कि कोविड-19 महामारी भी उसी तरह से शुरू हुई थी। 

मोंटो और उनके सहयोगियों ने 'घरेलू इन्फ्लुएंजा वैक्सीन मूल्यांकन' नामक अध्ययन के आंकड़ों का उपयोग किया, इसके आधार पर मिशिगन शहर के एन आर्बर क्षेत्र में बच्चों के साथ घरों में श्वसन संबंधी बीमारियों की लंबी जाँच-पड़ताल की। इस अध्ययन में पिछले 10 वर्षों से बहुत सारे घरों के 890 से 1,441 व्यक्तियों ने भाग लिया। यह अध्ययन अब लगातार सार्स-सीओवी-2 की घटनाओं पर नजर रख रहा है।

2010 में अध्ययन ने चार आम तौर पर हल्के मानव कोरोनावायरस (ओसी43, 229, एचकेयू1 और एनएल63) की घटनाओं पर नजर रखना शुरू किया, जो अब तक जारी है। शोधकर्ताओं ने 993 बार-बार होने वाले मौसमी संक्रमणों और इनके घरों में फैलने के तरीके को देखा, ये सभी संक्रमण कोरोनावायरस के कारण हुए थे। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि-

  • कुल मिलाकर 9% वयस्क और 20% बच्चों के मामलों में डॉक्टरों ने विजिट किया था। औसतन 30% इन्फ्लूएंजा के मामलों में डॉक्टर की विजिट करने की आवश्यकता होती है।
  • जब साल भर की निगरानी हुई तो दिसंबर और अप्रैल/मई के बीच अधिकांश कोरोनावायरस मामलों का पता चला और जनवरी / फरवरी में ये मामले चरम पर पहुंच गए। केवल 2.5% मामले जून और सितंबर के बीच हुए।
  • सबसे अधिक बार-बार संक्रमण 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में हुआ था।
  • 993 संक्रमित लोगों में से 260 लोग घरेलू संपर्क के कारण संक्रमित हुए थे।
  • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों और 50 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों के मामलों को गंभीर रूप से वर्गीकृत किया गया था।

अध्ययन में, शोधकर्ता सार्स-सीओवी-2 के समुदाय में फैलने का पता लगाने के लिए कोविड-19 महामारी के पहले एकत्र किए गए नमूनों का उपयोग कर रहे हैं।

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