नोबेल पुरस्कार 2020: ब्लैक होल पर काम करने वाले तीन वैज्ञानिकों को फिजिक्स पुरस्कार

साल 2020 का नोबेल पुरस्कार पहले दिन मेडिसिन क्षेत्र को दिया गया और दूसरे दिन फिजिक्स के लिए अवार्ड दिया गया

By DTE Staff

On: Tuesday 06 October 2020
 

ब्लैक होल का राज बताने वाले तीन वैज्ञानिकों को साल 2020 का फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इन वैज्ञानिकों के नाम हैं, रोजर पेनरोज, रेनहर्ड जेंजेल और एंड्रिया गेज।

6 अक्टूबर 2020 को स्टॉक होम में इन नामों की घोषणा की गई। ब्लैक होल ब्रह्मांड का वह हिस्सा है, जहां गुरुत्वाकर्षण इतना ज्यादा है कि प्रकाश भी इस क्षेत्र में वापस नहीं आ सकती।

ब्रिटेन में जन्में भौतिक विज्ञानी रोजर पेनरोज ने बताया कि ब्लैक होल अल्बर्ट आइंस्टीन के जनरल रिलेटिविटी के सिद्धांत का दूसरा परिणाम था। वहीं, रेनहार्ड और एंड्रिया ने गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद विशाल द्रव्यमान के कॉम्पैक्ट ऑब्जेक्ट की खोज की थी।

इस मौके पर फिजिक्स पुरस्कार कमेटी के प्रमख डेविड हैविलैंड ने कहा कि इस साल का नोबेल पुरस्कार ब्रह्मांड की सबसे अनोखी चीज की पहचान कराने वाले वैज्ञानिकों को दिया जा रहा है।

गेज लॉस एंजिल्स (यूएसएलए) के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि वह फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार पाने वाली दुनिया की चौथी महिला है और यह बात उनके दायित्व के बोध को और मजबूती प्रदान करती है।

साल 2020 के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा का सिलसिला 5 अक्टूबर से शुरू हुआ है। पहले दिन मेडिसिन क्षेत्र के लिए अवार्ड दिया गया। यह पुरस्कार हेपटाइटिस सी वायरस की खोज करने वाले हार्वे अल्टर, माइकल हॉफटन और चार्ल्स राइस को दिया गया।

क्या है ब्लैक होल
सबसे पहले अल्बर्ट आइंसटीन ने ब्लैक होल की भविष्यवाणी की थी। उन्होंने 1916 में पहली बार गुरुत्वाकर्षण के अपने नए सिद्धांत, सापक्षेता के सामान्य सिद्धांत के आधार पर इसके अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी। लेकिन इससे पहले भी भौतिकविदों ने कहा था कि यदि बड़ी मात्रा में पदार्थ एकत्र किए जाते हैं तो गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव होता है। ऐसी वस्तुएं इतनी मजबूत होंगी कि प्रकाश भी उनसे बच नहीं पाएंगे।

आइंस्टीन ने इससे आगे की तस्वीर साफ की थी, क्योंकि उन्होंने ब्रह्मांड को अंतरिक्ष की एक बनावट के रूप में एक सार्वभौमिक स्थिरांक प्रकाश की गति के रूप में परिकल्पित किया। उनके अनुसार, जब तारे जैसी विशाल वस्तुएं अपने चारों फैले इस बनावट को आकार देती है, जो गुरुत्वाकर्षण का वास्तविक रूप बन जाता है।

1967 में पहली बार खगोलविद जॉन व्हीलर ने “ब्लैक होल” शब्द का इस्तेमाल किया था और पहला वास्तविक ब्लैक होल 1971 में खगोलविदों द्वारा खोजा गया। तब से, कई अन्य ब्लैक होल खोजे गए हैं और उनके व्यवहार के बारे में बहुत सारी जानकारी एकत्र की गई है, लेकिन किसी ने भी सीधे ब्लैक होल का अवलोकन नहीं किया था।

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