भले ही भूजल की निकासी के आंकड़ों में देशभर में सुधार हुआ हो लेकिन अब भी 15 राज्य ऐसे हैं जहां भूजल का अतिदोहन किया जा रहा है। यानी जितना भूजल वर्ष भर में रिचार्ज होता है उससे ज्यादा पानी जमीन से निकाल लिया जा रहा है।
नई दिल्ली स्थित थिंकटैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवाॉयरमेंट की एसओई इन फिगर्स 2023 रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है। भारत में प्रमुखता से भूजल की निकासी कृषि, उद्योगों और घरेलू उपयोगों के लिए होती है।
एसओई इन फिगर्स 2023 रिपोर्ट के मुताबिक अब भी 15 राज्य ऐसे हैं जहां पर भू-जल की निकासी रिचार्ज से ज्यादा है। यानी यह 15 राज्य भू-जल के अति दोहन वाली श्रेणी में हैं। सबसे अधिक अति दोहन वाला राज्य तमिलनाडु है जहां भूजल के 360 अति दोहन वाले स्थान हैं, दूसरे स्थान पर राजस्थान है जहां 219 अति दोहन वाले स्थान हैं, तीसरे स्थान पर पंजाब है जहां कुल 117 अति दोहन वाली इकाइयां या स्थान हैं। इसके बाद चौथे स्थान पर है हरियाणा है जहां 88 स्थानों पर भू-जल का अतिदोहन किया जा रहा है। वहीं, पांचवे स्थान पर उत्तर प्रदेश है जहां 63 स्थानों पर भूजल का दोहन किया जा रहा है।
इनके अलावा दस और राज्य हैं जहां भूजल की अतिदोहन वाली इकाइयां हैं।