भारत ने चीन को बेचा सबसे अधिक पानी
2015-16 से अब तक भारत ने 38,50,431 लीटर पानी दूसरे देशों को निर्यात किया, 2019-20 में सबसे अधिक पानी चीन निर्यात किया गया
On: Friday 05 February 2021
देश में भले ही पेयजल संकट हो लेकिन भारत सरकार ने दूसरे देशों को पानी बेचकर करोड़ों रुपए कमा लिए हैं। लोकसभा में वरुण गांधी द्वारा पूछे एक प्रश्न के जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के राज्यमंत्री हरदीप पुरी ने बताया कि 2015-16 से 2020-21 (अप्रैल से नवंबर) के बीच भारत ने कुल 38,50, 431 लीटर पानी निर्यात किया है। इस पानी में खनिजयुक्त जल (मिनरल वाटर), वातित जल (एरेटेड वाटर) और प्राकृतिक जल (नेचुरल वाटर) सहित अन्य जल शामिल है। इस अवधि के दौरान भारत ने 23,78,227 लीटर मिनरल वाटर, 6,02,389 लीटर एरेटेड वाटर और 8,69,815 लीटर नेचुरल व अन्य जल दूसरे देशों को निर्यात किया है।
2019-20 में सबसे अधिक मिनरल वाटर चीन को भेजा गया। इस साल कुल 63,580 लीटर मिनरल वाटर चीन को निर्यात किया गया। मिनरल वाटर बेचकर चीन से 30.85 लाख रुपए प्राप्त हुए। इसके अलावा 1,000 लीटर एरेटेड वाटर और 20,000 लीटर नेचुरल व अन्य वाटर चीन को भेजा गया। इस साल चीन मिनरल और नेचुरल वाटर का सबसे बड़ा खरीदार रहा।
चीन के बाद सबसे अधिक मिनरल वाटर मालदीप को भेजा गया। यहां कुल 35,330 लीटर पानी भेजा गया। 29,020 लीटर पानी सऊदी अरब और 28,020 लीटर पानी संयुक्त अरब अमीरात में निर्यात किया गया। 2019-20 में भारत ने कुल 175.23 लाख रुपए पानी बेचकर अर्जित किए। भारत ने 2020-21 में महामारी के दौरान भी कुल 155.86 लाख रुपए का पानी बेचा।
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत जहां एक तरफ पानी का निर्यात कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अपने देश की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा है। देश की बड़ी आबादी को अब भी पेयजल नसीब नहीं है। हालांकि भारत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराने के लिए जलजीवन मिशन शुरू किया है जिसके तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवार में प्रति व्यक्ति को 55 लीटर पानी की आपूर्ति की जानी है। हर ग्रामीण परिवार को 2024 तक साफ और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए यह मिशन 15 अगस्त 2019 को शुरू किया गया था। सरकार ने इस मिशन के लिए मौजूदा बजट में 2.87 लाख करोड़ रुपए धनराशि भी आवंटित की है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मिशन धरातल पर कितना उतर पाता है।
दिल्ली स्थित गैर लाभकारी संगठन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट में रूरल वाटर वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम की प्रबंधक सुष्मिता सेनगुप्ता ने बताया कि जिस पानी का निर्यात किया जा रहा है, वह जमीन से निकाला जा रहा है। भारत में भूजल की स्थिति पहले से खराब है और इसके टिकाऊ प्रबंधन की सख्त जरूरत है। उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में पानी ठीक से रिचार्ज नहीं हो पाता और सरकार जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही है।