सर्दियों में उत्तर पश्चिम व पूर्वोत्तर में नहीं होगा ठंड का अहसास: मौसम विभाग
दिसंबर महीने के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य से कम होने का अनुमान है, जो कि लंबे समय के औसत (एलपीए) का 71 प्रतिशत से कम है।
On: Thursday 01 December 2022
मौसम विभाग के अनुसार आगामी सर्दियों के मौसम यानी दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के दौरान, भारतीय प्रायद्वीप के उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान लगाया गया है। इसी तरह इन हिस्सों में अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं।
जबकि मध्य भारत के कुछ हिस्सों व उत्तर-पश्चिम भारत के अलग-अलग हिस्सों में न्यूनतम तापमान व अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है।
एक दिसंबर 2022 की शाम को जारी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जारी अनुमान के मुताबिक भारत के दक्षिणी प्रायद्वीप - तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश, यनम, रायलसीमा, केरल और माहे तथा दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में दिसंबर के महीने में लंबे समय के औसत (एलपीए) के 69 से 131 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है।
दिसंबर महीने के दौरान पूरे देश में बारिश के सामान्य से कम होने का अनुमान है, जो कि लंबे समय के औसत (एलपीए) का 71 प्रतिशत से कम है। भारत के अधिकतर हिस्सों में बारिश के सामान्य से कम होने के आसार हैं वहीं दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ इलाकों तथा उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में बारिश के सामान्य से अधिक होने का अनुमान है।
दिसंबर माह के दौरान, भारत के प्रायद्वीप के अधिकांश हिस्सों, मध्य भारत के कई हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने के आसार हैं। पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों और पूर्व और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में मासिक न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है।
दिसंबर के लिए मासिक अधिकतम तापमान पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों और मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। भारतीय प्रायद्वीप के कई हिस्सों और उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में मासिक अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।
प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) की स्थिति वर्तमान में भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर के ऊपर वायुमंडलीय स्थितियां ला नीना की ओर इशारा कर रहा है। एमएमसीएफएस और अन्य वैश्विक मॉडलों के नवीनतम पूर्वानुमान बताते हैं कि आने वाले सर्दियों के मौसम में ला नीना की स्थिति जारी रहने का पूर्वानुमान है।
प्रशांत महासागर के ऊपर एल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) स्थितियों के अलावा, हिंद महासागर एसएसटी जैसे अन्य कारक भी भारतीय जलवायु पर प्रभाव डालते हैं। वर्तमान में, तटस्थ हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) की स्थिति हिंद महासागर पर प्रचलित है और नवीनतम पूर्वानुमान से पता चलता है कि तटस्थ आईओडी की स्थिति के जारी रहने का अनुमान है।