बसंत के मौसम में हिमालय में चल रही है लू, तापमान सामान्य से 7-8 डिग्री अधिक

हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में मार्च में होने वाली बारिश सामान्य से 95 फीसदी तक कम रिकॉर्ड की गई है

By Raju Sajwan

On: Tuesday 29 March 2022
 
बढ़ते तापमान के कारण हिमालय के जंगलों में आग लगने की चेतावनी जारी की गई है। फाइल फोटो: विकास चौधरी

बसंत के मौसम में ही हिमालय के पहाड़ तपने लगे हैं। हालत यह है कि हिमालयी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व कश्मीर में लू चलने लगी है। इससे जहां जंगलों में आग लगने की आशंका है, वहीं किसानों को सेब समेत अन्य फलों-फसलों के नुकसान की चिंता भी सता रही है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की लू यानी हीट वेब की परिभाषा के मुताबिक, जब मैदानी भागों में जहां 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने पर लू की आशंका जताई जाती है, वहीं पहाड़ी राज्यों में 30 डिग्री से अधिक तापमान होने पर लू की स्थिति घोषित कर दी जाती है। दिलचस्प बात यह है कि

इन हिमालयी राज्यों में एक ओर जहां मार्च के मध्य से तापमान बढ़ना शुरू हो गया था, वहीं मार्च में होने वाली मानूसन से पहले होने वाली बरसात भी नहीं हुई। इसने पहाड़ों का मौसम बेहद शुष्क बना दिया है।

मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि हिमाचल, उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर में मार्च के चालू महीने में होने वाली बारिश से सामान्य से लगभग 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

हिमाचल प्रदेश में मार्च महीने में होने वाली बारिश भी नहीं हुई। 1 से 28 मार्च के बीच सामान्य तौर पर 103.8 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन 2022 में इस महीने केवल 5.4 मिमी (95 प्रतिशत कम) ही बारिश हुई है।

ठंडे मरुस्थल के नाम से जाने जाने वाले इलाके लाहौल स्पीति में मार्च में ठीकठाक बारिश होती है। यहां पूरे राज्य के मुकाबले सबसे अधिक बारिश सामान्यतया 149.5 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार केवल 7.1 मिमी (95 प्रतिशत कम) बारिश हुई है। वहीं, किन्नौर में भी 109.1 मिमी के मुकाबले 3.9 मिमी (96 प्रतिशत कम) बारिश हुई है।

उत्तराखंड में भी मार्च महीने में 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। यहां मार्च माह में 1 से 29 तारीख तक सामान्य तौर पर 52.2 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस साल केवल 2.2 मिमी बारिश हुई है। राज्य के छह जिलों में तो बिल्कुल भी बारिश नहीं हुई।

वहीं, जम्मू-कश्मीर में 1 से 23 मार्च के बीच सामान्य से 86 प्रतिशत कम बारिश हुई है। सामान्य तौर पर यहां इस अवधि में 119.1 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस महीने केवल 16.6 मिमी बारिश हुई।

रिकॉर्ड तापमान

28 मार्च 2022 को श्रीनगर का तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 10 डिग्री अधिक बताया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले सप्ताह यानी 3 अप्रैल 2022 तक श्रीनगर का तापमान 25 से 26 डिग्री के आसपास रह सकता है। मार्च माह में ऑल टाइम रिकॉर्ड तापमान 31 मार्च 2018 को 28.3 डिग्री अधिक रहा था। उसके बाद इस साल यानी 2022 में रिकॉर्ड किया।

वहीं, जम्मू में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 6 डिग्री अधिक रहा।

29 मार्च 2022 को जम्मू का तापमान 35.3 डिग्री रहा। मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि मार्च में सबसे अधिक तापमान 31 मार्च 1945 को 37.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था, जबकि 2018 में 30 मार्च को 35.8 डिग्री रहा था। इस तरह जम्मू का इस साल का अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड तीसरे नंबर पर है।

उत्तराखंड में भी कई जगहों में 30 डिग्री से अधिक तापमान रिकॉर्ड किया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 28 मार्च 2022 के उत्तराखंड के देहरादून (34.6 डिग्री), पंत नगर (35 डिग्री), जौलीग्रांट (34.8 डिग्री) और खटीमा (35 डिग्री) में तापमान 30 डिग्री से अधिक रहा।

मुक्तेश्वर में सामान्य से सात डिग्री, देहरादून में 6 डिग्री और मसूरी में सामान्य से 5 डिग्री अधिक तापमान रिकॉर्ड किया। 28 मार्च 2022 को पहाड़ों की रानी मसूरी का तापमान 23.6 डिग्री अधिक रहा।

हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग 19 स्थानों पर तापमान रिकॉर्ड करता है। 28 मार्च 2022 को इन 19 में से 11 स्थानों पर तापमान 30 डिग्री से अधिक रिकॉर्ड किया गया। सबसे अधिक ऊना में तापमान 37.8 डिग्री यानी सामान्य से 7.8 डिग्री रहा। शिमला में तापमान सामान्य से 7 डिग्री अधिक (24.7डिग्री ) रहा।

धर्मशाला में 31.4 डिग्री, मंडी में 34.4 डिग्री, कांगड़ा में 33.6 डिग्री अधिक रहा। कुछ दिन पहले तक बर्फ से ढके किलोंग में 28 मार्च 2022 को तापमान सामान्य से 7.8 डिग्री अधिक यानी 16.8 डिग्री तक पहुंच गया।

हिमालयी राज्यों में बढ़ते तापमान को देखते हुए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि इस शुष्क मौसम में जहां जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं। वहीं सेब आदि फलों और फसलों पर हीट स्ट्रेस की आशंका जताई है। साथ ही, मौसम विभाग ने ऊंचे इलाकों में गर्मी की वजह से हिमस्खलन और बर्फ पिघलने की आशंका जताई है।

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