मॉनसून ने दी दस्तक: जून के पहले 15 दिन धीमी रह सकती है शुरूआत, किसान ज्यादा बारिश की न करें आशा

दिल्ली में 12 जुलाई से बरसेंगे बदरा, इस बार दिल्लीवालों को करना होगा इन्तजार, सामान्य से 12 दिन देर से पहुंचेगा मॉनसून

By Akshit Sangomla, Lalit Maurya

On: Saturday 20 May 2023
 
Photo : Wikimedia Commons

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि मॉनसून 19 मई को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्वी हिस्सों और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में पहले ही सक्रिय हो चुका है। वहीं सप्ताह की शुरुआत में, आईएमडी, अन्य विशेषज्ञों के साथ पहले ही केरल में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के देर से शुरआत की भविष्यवाणी कर चुका है।

जानकारी मिली है कि मॉनसून सीजन शुरू होने के बाद भी रुक-रुक कर बारिश होगी और मानसूनी हवाओं की गति धीमी रहेगी। विशेषज्ञों का भी कहना है कि देश के बड़े हिस्से में बारिश का वेग सामान्य से कम रहेगा।

इस बारे में राष्ट्रीय वायुमंडलीय विज्ञान केंद्र और यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग में मौसम विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक अक्षय देवरस का कहना है कि, "मौजूदा पूर्वानुमान बताता है कि केरल में मॉनसून के देरी से शुरू होने के बाद, इसके भारत के पश्चिमी तट पर अपनी सामान्य गति से आगे बढ़ने की उम्मीद है।"

देवरस ने डाउन टू अर्थ को बताया कि:

शुरूआत में बंगाल की खाड़ी में इसकी प्रगति अपेक्षाकृत धीमी रह सकती है। जिसके चलते, जून के पहले पखवाड़े में भारत के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश की गतिविधि कम रहने की उम्मीद है। बता दें कि मॉनसून 'ट्रफ' एक मौसमी पैटर्न है, जो सोमालिया के पास भूमध्य रेखा के ठीक नीचे बनता है। ऐसा तब होता है जब पूर्व और पश्चिम से आने वाली हवाएं इंटरट्रॉपिकल कनवर्जेन्स जोन कहे जाने वाले क्षेत्र में एक साथ आती हैं।

भूमध्य रेखा के पास बनने के बाद, इस मॉनसून 'ट्रफ' को उत्तर की ओर धकेल दिया जाता है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ता है, धीरे-धीरे यह भारत में तटों तक पहुंचने से पहले यह अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की ओर से नमी ले आता है, जिसके बाद यह आमतौर पर एक जून के आसपास केरल पहुंचता है।

दिल्ली में सामान्य से 12 दिन देर से पहुंचेगा मॉनसून, किसानों को तैयार रहने की है जरूरत 

अन्य विशेषज्ञों ने भी भारत के अन्य क्षेत्रों में मानसूनी हवाओं के अपने सामान्य समय से बहुत देर से पहुंचने का अनुमान लगाया है। इसी तरह शुरूआत में बारिश के रुक-रुक कर होने का अनुमान है। जर्मनी में पॉट्सडैम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट इम्पैक्ट रिसर्च की जलवायु वैज्ञानिक एलेना सुरोव्यात्किना के अनुसार, मध्य भारत में भी 26 जून के आसपास मॉनसून की लगातार बारिश होगी।

उनका कहना है कि, “किसान अपनी फसलों के बारे में सही योजना बना सके, इसी उद्देश्य से मैं मॉनसून की शुरुआत के पूर्वानुमान के बारे में विस्तृत जानकारी देकर दूसरे वर्ष यह प्रयोग कर रही हूं।" इसमें रुक-रुक कर बारिश की अवधि, शुष्क दौर और लगातार बारिश की शुरुआत के अनुमान शामिल हैं।" मॉनसून कब और कहां शुरू होगा। साथ ही यह जानने के बाद कि शुरआती बारिश के बाद फिर सूखे की स्थिति रहेगी, तो किसान उचित समय पर बुआई का निर्णय ले सकते हैं।

उन्होंने जानकारी दी है कि 15 जून के आसपास तक रुक-रुक कर बारिश होगी। इसके बाद 26 जून तक मौसम सूखा रहेगा। आमतौर पर मध्य भारत में मॉनसून की शुरुआत 10 से 15 जून के बीच होती है। इस बार उत्तरी तेलंगाना में बारिश 19 जून के आसपास शुरू होगी, इसके बाद 24 जून तक इसमें सुस्ती का दौर रहेगा। इसके बाद क्षेत्र में भारी बारिश की आशंका है।

आशंका जताई जा रही है कि दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रहेगी, जहां मॉनसून 12 जुलाई से सक्रिय होगा। यानी इसकी शुरआत उसके सामान्य समय मतलब 30 जून के 12 दिन बात होगी। इतना ही नहीं उनका कहना है कि इन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता भी जून और बाकी के मौसम में सामान्य से कम रहेगी।

इस बारे में देवरस ने बताया, कि "मध्य और पूर्वी भारत के कई राज्यों में जून के दौरान सामान्य से अधिक तापमान के साथ औसत से कम बारिश होने की आशंका है।" इसके विपरीत, भारत के पश्चिमी तट पर महीने में औसत या औसत से अधिक बारिश हो सकती है। उनका कहना है कि उत्तर-पश्चिमी भारत में, मॉडल औसत या औसत से कम बारिश का सुझाव दे रहे हैं।

उन्होंने आगे जानकारी दी है कि, इस बार “मौसमी बारिश का स्थानिक वितरण भी जून के समान रहने की उम्मीद है। पश्चिमी तटरेखा को छोड़कर, भारत के अन्य हिस्सों में बारिश में कमी देखी जा सकती है, जो मध्य भारत में सबसे कम रह सकती है।"

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