सरकार ने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की सब्सिडी में कटौती कर 40 से 15 फीसदी किया

कृषि बजट अनुमान 2023-24 के दौरान पांच गुना से अधिक बढ़कर 1,25,035.79 करोड़ रुपये हो गया है। जिसके चलते कृषि और संबद्ध क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) पिछले सात वर्षों में प्रति वर्ष 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Friday 09 February 2024
 

संसद में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने राज्यसभा में कहा कि सरकार ने ईवी बाजार की बढ़ती पैठ को ध्यान में रखते हुए फेम इंडिया स्कीम द्वितीय चरण के तहत ई-2डब्ल्यू के लिए प्रति यूनिट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सब्सिडी को 40 फीसदी से घटाकर एक्स-फैक्ट्री कीमत का 15 फीसदी कर दिया है।

इसे 16.05.2023 को ई-2डब्ल्यू के ओईएम के साथ हितधारकों की परामर्श बैठकों और फेम इंडिया योजना द्वितीय चरण के लिए परियोजना कार्यान्वयन और मंजूरी समिति (पीआईएससी) की मंजूरी के बाद लागू किया गया है।

इसके अलावा गुर्जर ने  सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि, फेम इंडिया योजना द्वितीय चरण के तहत ई-2डब्ल्यू, प्रति यूनिट सब्सिडी को 40 फीसदी से घटाकर एक्स-फैक्ट्री कीमत के 15 फीसदी करने के बाद देश में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में कोई मंदी नहीं देखी गई है।

किसानों की आय में वृद्धि

किसानों की आय को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने राज्यसभा में बताया कि भारत सरकार किसानों को उत्पादन, लाभकारी रिटर्न या प्रतिफल और आय सहायता में वृद्धि करके किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम लागू कर रही है।

साल 2013-14 के दौरान कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का बजट आवंटन 27,662.67 करोड़ रुपये था। यह बजट अनुमान 2023-24 के दौरान पांच गुना से अधिक बढ़कर 1,25,035.79 करोड़ रुपये हो गया है। जिसके चलते कृषि और संबद्ध क्षेत्र का सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) पिछले सात वर्षों में प्रति वर्ष 4.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।

देश में कैंसर रोग के मामले

वहीं, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (आईसीएमआर - एनसीआरपी) का हवाला देते हुए बताया कि देश में कैंसर के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है

मंडाविया ने कहा कि 2023 में भारत में कैंसर के मामलों की संख्या लगभग 14,96,972 थी और 2022 में कैंसर के मामले 14,61,427 थे।

वहीं सदन में कैंसर से संबंधित एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एस. पी. सिंह बघेल ने लोकसभा में बताया कि पेट के कैंसर के मामलों की संख्या साल 2022 में लगभग 52706 मामलों से बढ़कर साल 2023 में 54023 हो गई।

उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया भर में स्तन कैंसर सबसे आम है, जिसके कारण साल 2022 में लगभग 665255 महिलाओं की मौत हुई। भारत में साल 2022 में महिलाओं में स्तन कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या लगभग 98,337 थी, भारत इस मामले में सर्वोच्च स्थान पर है।

देश में कुष्ठ रोग के मामले

सदन में कुष्ठ रोग को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में बताया, भारत ने 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति 10,000 जनसंख्या पर एक मामले से कम के डब्ल्यूएचओ मानदंड के अनुसार कुष्ठ रोग को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में समाप्त कर दिया है। भारत ने वर्ष 2022-23 में कुल 103819 नए कुष्ठ रोग के मामले दर्ज किए, जिनमें से ग्रेड दो विकलांगता है। (जी2डी) मामले 2363 (2.28फीसदी ) थे, जो दुनिया के नए जी2डी मामलों के 25 फीसदी के बराबर है।

देश में मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों की कमी के कारण बीमारी

भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में मासिक धर्म वाली महिलाओं की संख्या से संबंधित आंकड़े, जिनकी मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों तक पहुंच जारी है और मासिक धर्म स्वच्छता उत्पादों की कमी के कारण होने वाली बीमारियों के आंकड़ों को केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है। इस बात की जानकारी आज, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार द्वारा लोकसभा में दी गई।

पवार ने कहा हालांकि, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच (2019-21) से पता चलता है कि मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के स्वच्छ तरीकों का उपयोग करने वाली 15-24 वर्ष की आयु की महिलाओं का प्रतिशत एनएफएचएस-चार (2015-16) में 57.6 से बढ़कर एनएफएचएस-पांच में 77.3 फीसदी हो गया है। इसी तरह सेनेटरी नैपकिन का उपयोग भी 42 फीसदी से बढ़कर 64 फीसदी हो गया है।

पानी के अवैध बोतलबंद संयंत्र

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का हवाला देते हुए बताया कि बीआईएस द्वारा निर्धारित मानकों का पालन किए बिना बोतलबंद पेयजल बनाने वाली इकाइयों की जानकारी उनके पास उपलब्ध नहीं है। हालांकि, दो फरवरी 2024 तक, देश में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के लिए 6244 बीआईएस लाइसेंस प्राप्त निर्माता और पैकेज्ड नेचुरल मिनरल वाटर के लिए 32 बीआईएस लाइसेंस प्राप्त निर्माता हैं। इसके अलावा, दो फरवरी 2024 तक राजस्थान में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर के लिए 162 बीआईएस लाइसेंस प्राप्त निर्माता हैं। 

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