वैश्विक स्तर पर इतिहास का छठा सबसे गर्म अगस्त 2021 में किया गया रिकॉर्ड

वैश्विक स्तर पर इस वर्ष अगस्त महीने का तापमान 20 वीं सदी के औसत तापमान से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया

By Lalit Maurya

On: Thursday 16 September 2021
 

वैश्विक स्तर पर इस वर्ष अगस्त का महीना इतिहास का छठा सबसे गर्म महीना था। अगस्त महीने का तापमान 20 वीं सदी के औसत से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। हालांकि जुलाई के बाद गर्मी से थोड़ी बहुत राहत जरूर मिली। गौरतलब है कि जुलाई का महीना इतिहास का सबसे गर्म जुलाई था, जब तापमान औसत से करीब 0.93 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था।

गौरतलब है कि 20 वीं सदी का औसत तापमान 15.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। यह जानकारी 15 सितंबर को नेशनल ओसेनिक एंड एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी आंकड़ों में सामने आई है। 

यदि उत्तरी गोलार्ध की बात करें तो इस वर्ष अगस्त का महीना 2019 के साथ इतिहास का दूसरा सबसे गर्म अगस्त था। वैश्विक स्तर पर पिछले कुछ वर्षों से तापमान में किस कदर इजाफा हो रहा है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि पिछले 142 वर्षों में से 10 सबसे गर्म अगस्त के महीने वर्ष 2009 के बाद सामने आए है। आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2016 अब तक का इतिहास का सबसे गर्म अगस्त था, जब तापमान में 0.97 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई थी।  

वहीं यदि क्षेत्रीय स्तर पर देखें तो इस वर्ष एशिया में अगस्त का तापमान दूसरी बार सबसे ज्यादा था, इससे पहले एशिया में वर्ष 2016 में सबसे गर्म अगस्त रिकॉर्ड किया गया था। वहीं अफ्रीका में अगस्त 2021 तीसरा सबसे गर्म अगस्त का महीना था। 

इसी तरह उत्तरी, दक्षिण अमेरिका और ओशिनिया सभी में इस वर्ष अगस्त का महीना इतिहास के 10 सबसे गर्म अगस्त के महीनों में से एक था। इसी तरह यूरोप में भी इस वर्ष अगस्त का तापमान औसत से ज्यादा था, हालांकि वो 2008 के बाद से सबसे ठंडा अगस्त का महीना था। 

99 फीसदी सम्भावना है कि यह वर्ष इतिहास के 10 सबसे गर्म वर्षों में से एक होगा

इसी तरह यदि जून से अगस्त के औसत तापमान को देखें तो वो उत्तरी गोलार्ध का दूसरा सबसे गर्म गर्मी का मौसम था। इस वर्ष तापमान 2019 के लगभग बराबर था, हालांकि यह 2020 की गर्मियों की तुलना में थोड़ा कम था। इसी तरह दक्षिणीं गोलार्ध में भी तापमान औसत से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था, जो उसे चौथा सबसे गर्म जुलाई से अगस्त बनाता है। वैश्विक स्तर पर देखें तो 10 सबसे गर्म जून से अगस्त के महीनों में से नौ, 2010 के बाद ही रिकॉर्ड किए गए हैं। 

इसी तरह यदि वैश्विक स्तर पर जनवरी से अगस्त के तापमान की बात करें तो यह वर्ष अब तक का छठा सबसे गर्म वर्ष है। जब तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान (14 डिग्री सेल्सियस) से करीब 0.82 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। इसी तरह उत्तरी गोलार्ध के लिए भी यह अब तक का छठा और दक्षिणी गोलार्ध के लिए अब तक का नौवां सबसे गर्म वर्ष है। वहीं यदि एनसीईआई के पिछले आंकड़ों से तुलना करें तो इस बात की 99 फीसदी से ज्यादा सम्भावना है कि यह वर्ष इतिहास के 10 सबसे गर्म वर्षों में से एक होगा।  

यदि एशिया में जून से अगस्त के तापमान को देखें तो वो अब तक का सबसे गर्म जून से अगस्त का सीजन है जबकि उत्तरी अमेरिका के लिए यह दूसरा और अफ्रीका के लिए तीसरा सबसे गर्म जून से अगस्त का मौसम है।  इसी तरह दक्षिण अमेरिका, यूरोप और ओशिनिया सभी में जून-से-अगस्त का तापमान इतना ज्यादा था कि वो उन्हें अब तक के 10 सबसे गर्म जून से अगस्त में से एक बनाता है। 

नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो इस वर्ष अगस्त 2021 में आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की सीमा को 35.7 लाख वर्ग किलोमीटर मापा गया था। 43 वर्षों के इतिहास में यह 10वां मौका है जब अगस्त में इतनी कम बर्फ जमा हुई है। वहीं अंटार्कटिक समुद्री बर्फ की कवरेज करीब 112.7 लाख वर्ग किलोमीटर थी। जो अगस्त के महीने में पांचवी बार सबसे ज्यादा है। 2014 के बाद यह पहला मौका है जब अगस्त में वहां इतनी ज्यादा बर्फ जमा हुई है। 

इस साल अगस्त के महीने में आई प्रमुख मौसम संबंधी घटनाओं को देखें तो इस बार अटलांटिक बेसिन में 6 तूफान आए थे जिनमें से तीन हरिकेन थे।  जिनमें से दो ग्रेस और इडा प्रमुख शक्तिशाली तूफान थे। वहीं पश्चिमी पैसिफिक बेसिन में सामान्य से कम गतिविधियां दर्ज की गई थी, इस बार अगस्त में वहां केवल चार तूफान आए थे। जिनमें कोई टाइफून नहीं था।  कुल मिलकर यह कह सकते हैं कि इस बार वैश्विक स्तर पर उष्णकटिबंधीय चक्रवात सम्बन्धी गतिविधियां सामान्य से कम थी। 

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