संसद में आज: राजस्थान ने मनरेगा के तहत सबसे अधिक दिनों तक लोगों को रोजगार दिया

संसद के दोनों सदनों में 23 सितंबर 2020 को महत्वपूर्ण सवालों के जवाब, यहां पढ़ें-

By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Wednesday 23 September 2020
 

ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया कि मनरेगा के तहत राज्यों द्वारा खर्च किए गए 67978 करोड़ रुपये में से, पश्चिम बंगाल ने वित्त वर्ष 2019-20 में 7501 करोड़ रुपये खर्च किए। पश्चिम बंगाल के बाद राजस्थान ने लगभग 6705 करोड़ रुपये खर्च करने साथ  वह दूसरे स्थान पर रहा। लेकिन पिछले तीन वर्षों में, मंत्री द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि पहली बार राजस्थान ने 2019-20 के दौरान एमजीएनआरईजीए के तहत सबसे अधिक लोगो को अधिक दिनों तक रोजगार दिया। 

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मत्स्य पालन उत्पादकता 5 टन प्रति हेक्टेयर तक बढ़ाई जा सकती है

2016-17 से 2018-19 के बीच देश में मछली उत्पादन में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जोकि राज्य सभा में मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी के लिखित बयान से पता चलता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का लक्ष्य वर्तमान राष्ट्रीय औसत उत्पादकता लगभग 3 टन प्रति हेक्टेयर से और अधिक बढ़ाना है।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) से किसानों को मिले 10.21 करोड़

कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य सभा में दावा किया कि कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन लगने के बाद अधिकांश क्षेत्र प्रभावित हुए थे, तब कृषि क्षेत्र में सुचारू रूप से कार्य हुआ था।

उन्होंने कहा कि इस महामारी के कारण किसानों के सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा किए गए बुनियादी ढांचे, रसद, क्षमता निर्माण, शासन और प्रशासनिक सुधारों को मजबूत करने के लिए आत्मानिर्भर भारत अभियान (एबीए) शामिल किया गया है। जबकि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) से लगभग 10.21 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं, इस योजना के तहत विभिन्न लाभार्थियों को लगभग 4,086 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया है।

खेती में केमिकल के उपयोग पर प्रतिबंध

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने अब तक देश में आयात, निर्माण या बिक्री पर 45 कीटनाशकों और 4 कीटनाशकों के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसमें से 5 प्रतिबंधित कीटनाशकों को केवल निर्यात के लिए निर्मित करने की अनुमति है और 8 कीटनाशकों का पंजीकरण वापस ले लिए गया है। 9 कीटनाशकों को उपयोग के लिए प्रतिबंध के तहत रखा गया है। इसके अलावा 31 दिसंबर 2020 तक 6 कीटनाशकों को चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। यह जानकारी नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में दी।

तोमर ने यह भी कहा कि मंत्रालय 'प्लांट प्रोटेक्शन एंड प्लांट क्वारंटाइन' योजना पर उप-मिशन लागू कर रहा है, जिसके तहत किसानों को रासायनिक कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में शिक्षित करने के लिए, एकीकृत कीट प्रबंधन दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जा रहा है।

-कचरे के उत्पादन में 43 फीसदी की वृद्धि

लोकसभा में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो के लिखित बयान के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 और वित्त वर्ष 2019-20 के बीच देश में -कचरा 43 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है।

-कचरे का अनुमान तीन साल में लगभग 0.7 मिलियन टन से बढ़कर 1 मिलियन टन हो गया है

उन्होंने -कचरे को गलत तरीके से प्रबन्धित करने का भी संकेत दिया। उन्होंने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) अर्थात् गोवा, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब ने -वेस्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 के तहत -कचरे के उत्पादन की व्यवस्था पूरी कर ली है। लेकिन देश के हर एक राज्य की सूची उपलब्ध नहीं है।

एफएसएसएआई खाद्य तेलों और वसा में ट्रांस वसा सामग्री की सीमा को कम करने के लिए काम कर रहा है

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि वनस्पती, बेकरी शॉर्टन, बेकरी और औद्योगिक मार्जरीन वनस्पति वसा / तेलों के लिए ट्रांस वसा की सीमा वर्तमान में खाद्य सुरक्षा और मानकों (खाद्य उत्पाद मानकों) विनियम, 201, के तहत 5 फीसदी से अधिक होने के लिए निर्धारित किया है।

इसलिए, एफएसएसएआई खाद्य तेलों और वसा जैसे ट्रांसस्फेट सामग्री की सीमा को कम करने की दिशा में लगातार काम कर रहा है, जैसे कि  वनस्पती, बेकरी शॉर्टनिंग्स, बेकरी और औद्योगिक मार्जरीन, और वनस्पति वसा, परिष्कृत वनस्पति तेल, आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत सोयाबीन तेल, टेबल मार्जरीन आदिउन्होंने कहा कि मिश्रित वसा और वनस्पति वसा में वृद्धि 2022 तक चरणबद्ध तरीके से 2 फीसदी से भी कम कर दिया जाएगा।

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