संसद में आज: लॉकडाउन में अपने गृह राज्यों में लौटे 1.04 करोड़ प्रवासी श्रमिक

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By Madhumita Paul, Dayanidhi

On: Monday 14 September 2020
 

कोविड -19 के मद्देनजर देश में पूर्ण रूप से लॉकडाउन के बाद नौकरियों के नुकसान के कारण 1.04 करोड़ (10.4 मिलियन) प्रवासी श्रमिक बेरोजगार हो गए थे और वे अपने गृह राज्यों में लौट गए। यह जानकारी 14 सितंबर 2020 को लोकसभा में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष कुमार गंगवार ने दी। उनके द्वारा प्रस्तुत आंकड़े बताते हैं कि लगभग 71 फीसदी लोग चार राज्यों के थे जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड को लेकर अपने राज्यों में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों के कल्याण के लिए सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को 27 जुलाई 2020 को व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे।

केवल गरीब लोगों और प्रवासी कामगारों बल्कि उनके परिवारों / आश्रितों के लिए एक स्थायी तरीके से राहत उपायों को सुनिश्चित करने के लिए, केंद्र सरकार ने गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमकेकेवाई) के तहत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद करने के लिए, 1 करोड़ 70 लाख रुपये का राहत पैकेज की घोषणा की।

कोविद -19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर लॉकडाउन का प्रभाव

31 अगस्त, 2020 को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी 2020-21 की पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान के अनुसार, भारत में 2020-21 वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद पहली तिमाही के दौरान 23.9 प्रतिशत थी। लोकसभा में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा - मांग के आधार पर, निजी उपभोग खर्च में 26.7 प्रतिशत की गिरावट आई और निवेश की मांग में भी 47.1 प्रतिशत की गिरावट आई।

कोविड-19 से पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ

आज लोकसभा में पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि कोविड -19 महामारी से पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

लेकिन पर्यटन क्षेत्र पर प्रभाव और रोजगार के नुकसान के आकलन के लिए कोई औपचारिक अध्ययन शुरू नहीं किया गया है। हालांकि, उद्योग हितधारकों के साथ विचार-विमर्श सत्रों के कई दौर से पता चला है कि राजस्व, विदेशी मुद्रा और नौकरियों में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।

कृषि में बदलाव और किसानों की आय बढ़ाने के लिए बिल

कृषि मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र पर तीन विधेयक पेश किए: किसानों का उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020, मूल्य आश्वासन और फार्म सेवा विधेयक 2020,  किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते, इन्हें 5 जून 2020 को घोषित अध्यादेशों को बदलने के लिए पेश किया गया था। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री, श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज लोकसभा में कहा इन पेश किए गए विधेयकों का उद्देश्य देश में कृषि को बदलाव और किसानों की आय बढ़ाना है।

2013-14 और 2018-19 के बीच इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) की खरीद 5 गुना बढ़ी

श्री धर्मेंद्र प्रधान पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने आज लोकसभा में कहा कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 के दौरान इथेनॉल की खरीद 38 करोड़ लीटर से बढ़कर 2018-19 के दौरान लगभग पांच गुना बढ़कर 188.6 करोड़ लीटर हो गई है।

इथेनॉल के उत्पादन को बढ़वा देने के लिए कई महत्वपूर्ण उपाय किए गए हैं: ईथनॉल पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स में कमी, ईबीपी कार्यक्रम के तहत 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप केन्द्र शासित प्रदेशों को छोड़कर पूरे भारत में ईबीपी कार्यक्रम का विस्तार 01 अप्रैल 2019 से प्रभावी है।

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