राजस्थान में फैला बर्ड फ्लू, 300 से ज्यादा पक्षियों की मौत

वायरस ज्यादातर कौओं में मिला है। जोधपुर और कोटा संभाग के झालावाड़, पाली बारां जिले में खतरा बना हुआ है

By Madhav Sharma

On: Monday 04 January 2021
 
राजस्थान के पाली में मृत पक्षियों को बॉक्स में ले जाता वन विभाग का कर्मचारी । फोटो: माधव शर्मा

राजस्थान के पांच से ज्यादा जिलों में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ रहा है। बीते एक हफ्ते में 300 से ज्यादा पक्षी मारे गए हैं। इनमें अधिकतर कौओं की मौत की सूचना आ रही है। हालांकि सरकारी अधिकारियों के अनुसार रविवार तक ये संख्या 252 ही है। झालावाड़, कोटा, बारां, पाली, जोधपुर और जयपुर सहित पूरे प्रदेश में पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया हुआ है। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। इसके अलावा वेटलैंड सांभर और केवलादेव बर्ड सेंचुरी में विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। 

विभाग के अनुसार अब तक झालावाड़ में 100, बारां में 72, कोटा में 47, पाली 19, जोधपुर और जयपुर में 7-7 पक्षी मृत मिले हैं। हालांकि अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में ये संख्या 350 बताई जा रही है।  बीकानेर के लूणकरणसर और पांचू में तीन स्थानों पर भी 32 मृत पक्षी मिले हैं। दो दिन में यहां 8 कौओं की मौत हुई है।  सैंपल जमा कर भोपाल भेजे गए हैं। 

राजस्थान पशु पालन विभाग के मुख्य सचिव कुंजीलाल मीणा ने डाउन-टू- अर्थ को बताया, ‘वायरस ज्यादातर कौओं में मिला है। जोधपुर और कोटा संभाग के झालावाड़, पाली बारां जिले में खतरा बना हुआ है। हमने पूरी टीम निगरानी पर लगा दी हैं। पॉल्ट्री फार्म मालिकों को भी विशेष निगरानी और सावधान बरतने के निर्देश दिए हैं।’

मीणा ने बताया कि सबसे पहले झालावाड़ में 25 दिसंबर 2020 को पक्षियों के मरने की सूचना आई। इसके बाद विभाग ने भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान में सैंपल भेजे। यहां से एवियन  इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। हालांकि अभी बाकी जिलों की रिपोर्ट हमें नहीं मिली है।

आपातकालीन स्थिति को देखते हुए राजस्थान के कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने रविवार को इमरजेंसी बैठक बुलाई है। 

पशुपालन विभाग की सचिव आरुषि मलिक ने डाउन-टू-अर्थ को बताया कि विभाग ने बर्ड फ्लू फैलने के संभावित 10 जगहों पर निगरानी दल गठित किए हैं। हर जगह से 10 सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं। वेटलैंड और बर्ड सेंचुरी पर अलग से सैंपल लिए जा रहे हैं। सांभर झील, केवलादेव, आनासागर, उदयपुर की झीलों में विशेष निगरानी की जा रही है। सभी सैंपल भोपाल स्थित लैब में भेजे गए हैं। हालांकि रिपोर्ट अभी झालावाड़ की ही मिल पाई है।  मलिक ने बताया कि बर्ड फ्लू को रोकने के लिए भारत सरकार की गाइडलाइंस की पालना की जा रही है। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। अब तक अलग-अलग जगहों से 75 सैंपल भोपाल भेजे गए हैं।

वहीं, पशुपालन विभाग के एडिशनल डायरेक्टर भवानी सिंह राठौड़ ने कहा कि स्थिति अभी काबू से बाहर नहीं है, लेकिन हमारी कोशिश है कि ये घरेलू जानवर और पक्षियों में ना फैले। मृत मिले पक्षियों को नियमों के अनुसार गढ्ढा कर जलाया जा रहा है। 

डाउन-टू-अर्थ को मिली जानकारी के अनुसार ज्यादातर मौतें भले ही कौओं की हो रही हों, लेकिन अन्य प्रजाति के पक्षी भी कई जगह मृत मिले हैं। बारां में एक-एक किंग फिशर और मेगपाई और 38 मुर्गी भी मृत मिली हैं। झालावाड़ में भी एक कोयल की मौत हुई है, जिसमें बर्ड फ्लू के लक्षण मिले हैं। इनके सैंपल भी भोपाल भेजे गए हैं। 

इस बीच केन्द्र सरकार ने भी सभी राज्यों को इस संबंध में अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में कहा है कि जहां बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत हुई है, वहां अन्य प्रजाति के पक्षियों के सैंपल भी लिए जाएं। शनिवार को हिमाचल में भी एक हजार पक्षी मृत मिले हैं। 

मुर्गियों में फैला तो बढ़ेगी मुसीबत

पूरा देश इस समय जब कोरोना से जूझ रहा है ऐसे समय में राजस्थान में बर्ड फ्लू के संकेत काफी खतरनाक हैं। अलर्ट के बाद भी खतरा बढ़ता जा रहा है। बता दें कि बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लुएंजा) टाइप-1 वायरस है। जो इसके H5N1 वायरस से फैलता है। अगर यह वायरस मुर्गियों में फैलता है तो यह बड़ी समस्या बन सकता है। क्योंकि चिकन इंसानों के भोजन का हिस्सा है। इसीलिए पशुपालन विभाग ने पॉल्ट्री फार्म मालिकों को विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। 

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