श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: झारखंड में भी कोविड-19 से मौतों के आंकड़ों में दिख रहा है झोल

झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पूरे प्रदेश में 20 मार्च से 08 अप्रैल के बीच कोरोना से 63 लोगों की मौत हुई, लेकिन रांची के केवल एक श्मशान घाट के आंकड़े कुछ और ही बात कह रहे हैं

By Md. Asghar khan

On: Saturday 10 April 2021
 
झारखंड की राजधानी रांची के हरमू मुक्तिधाम विधुत शवदाह गृह (मोक्षधाम) में कोरोना संक्रमित शव को जलाने के लिए एम्बुलेंस से उतारते हुए कर्मचारी। फोटो: अमीरुल

देश में कोविड-19 महामारी का दूसरा दौर शुरू चुका है। एक बार फिर से सरकार के आंकड़े भयावह हो चुके हैं। 10 अप्रैल 2021 को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोविड-19 की वजह से 794 मौतें हुई, लेकिन क्या यह आंकड़े सही है। डाउन टू अर्थ ने कुछ शहरों के श्मशान घाटों में जाकर यह जानने की कोशिश की, जो बेहद चौंकाने वाले हैं। बिहार की राजधानी पटना का हाल पढऩे के लिए क्लिंक करें, श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: क्या कोविड-19 से मौत के आंकड़े छिपा रही है बिहार सरकार? । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का हाल जानने के लिए क्लिक करें श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: क्या लखनऊ में भी छिपाए जा रहे हैं कोविड-19 के मौत के आंकड़ें । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का हाल जानने के लिए क्लिक करें - श्मशान घाट से ग्राउंड रिपोर्ट: भोपाल में जलती चिताएं खोल रही हैं सरकारी आंकड़ों की पोल । अब पढ़ें, झारखंड की राजधानी रांची का हाल - 

 

झारखंड में सिर्फ तीन दिनों (6 से 8 अप्रैल) के भीतर कोरोना संक्रमण के 4458 नए मामले आए। बल्कि मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 20 मार्च से 08 अप्रैल तक झारखंड में कोरोना से हुई मौत सिर्फ 63 ही दर्ज की गई है। लेकिन अगर झारखंड की राजधानी रांची के केवल एक श्मशान घाट में 20 मार्च से 8 अप्रैल के बीच कोरोना सक्रमितों की अंतिम संस्कार के आंकड़े राज्य सरकार के आंकड़ों की पोल खोल देते हैं।   

बीते 20 मार्च से 08 अप्रैल तक सिर्फ रांची के हरमू मुक्तिधाम विधुत शवदाह गृह (मोक्षधाम) में कोरोना संक्रमित 69 शवों को जलाया जा चुका है। हरमू मुक्तिधाम श्मशान-घाट का संचालन करने वाली संस्था मारवाड़ी सहायक समिति रांची के इंचार्ज मुकेश वर्मा कहते हैं कि पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमितों के शवों का सिलिसला बढ़ा है। 

मुकेश वर्मा कहते हैं, “हमें नहीं पता कि सराकारी आंकड़ों में मौत की संख्या क्यों कम है। मैंने आपको वहीं आंकड़े दिए हैं, जो हम प्रतिदिन रजिस्टर में दर्ज करते हैं। पूरे रांची जिले में सिर्फ यहीं इसी श्मशान घाट में कोरोना संक्रमित शवों का दाह संस्कार होता है। अब तक यहां करीब सात सौ कोरोना संक्रमित शवों को जलाया जा चुका है, जिसकी रसीद भी है। उसमें उसका नाम, उम्र, पता सब रहता है।”

मुकेश के मुताबिक बीते एक हफ्ते कोराना से हुई हो रही मौत कोरोना के पहले फेज की तुलना में अधिक है। इस साल अप्रैल से प्रतिदिन औसतन 7-8 कोरोना संक्रमित शवों को यहां जलाया जा रहा है। जबकि पहले फेज में यह औसत 5-6 हुआ करता था। वो य़ह भी मानते हैं कि इस दौरान सामान्य शवों की भी संक्या बढ़ रही है। पहले फेज में सामान्य शवों की संख्या जहां दस 10-11 हुआ करती थी, इधर 12-13 हो गई है।

श्मशान घाट के मुताबिक कोरोना के शवों को गैस से जलाया जाता है। कोरोना संक्रामित एक शव को जलाने में डेढ़ गैस सिलेंडर की खपत होती है, जबकि एक घंटे का समय लग जाता है। शवों को जलाने के क्रम में पूरी सावधानी बरती जाती है।

यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि 20 मार्च से 8 अप्रैल के दौरान पूरे झारखंड राज्य में जितने लोगों की मौत कोरोना के कारण हुई, उससे कहीं अधिक शवों की अंतिम क्रिया अकेले रांची के एक श्मशान घाट में हो चुकी है। केवल 8 अप्रैल की ही बात करें तो पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत का सरकारी आंकड़ा सात का रहा, जबकि अकेले रांची शहर के श्मशान घाट हरमू मुक्तिधाम में 8 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया। आंकड़ों में हेरफेर की वजह वजह जानने के लिए संवाददाता ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से संपर्क करने का लगातार प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। यदि अधिकारियों की ओर से कोई जवाब आता है तो स्टोरी को अपडेट किया जाएगा। 

 

रांची श्मशान-घाट में जलाए गए शव का आंकड़ा               झारखंड सरकार द्वारा जारी पूरे प्रदेश में हुई मौतों के आंकड़े

20 मार्चः                01                                                   00                         

21 मार्चः                   00                                                    01          

22 मार्चः                   01                                                    01            

23 मार्चः                   01                                                    01

24 मार्चः                   02                                                    02

25 मार्चः                   00                                                   00          

26 मार्चः                   05                                                   03

27 मार्चः                  02                                                    04

28 मार्चः                  05                                                    03

29 मार्चः                   03                                                    00    

30 मार्चः                    00                                                 03

31 मार्चः                    01                                                 00    

01 अप्रैलः                   02                                                01

02 अप्रैलः                    04                                               01

03 अप्रैलः                    07                                               07

04 अप्रैलः                    07                                               08

05 अप्रैलः                    07                                               10

06 अप्रैलः                    08                                               04

07 अप्रैलः                    05                                               07

08 अप्रैलः                   08                                                07

 

जल्द पढ़ेंगे, कुछ और शहरों के हाल

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