स्पेन में शुरू हुई कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर
अब तक स्पेन में कोरोनावायरस संक्रमण के लगभग 4,40,000 मामले सामने आ चुके हैं और कोविड-19 की वजह से 29,000 से अधिक मौतें हो चुकी हैं
On: Tuesday 01 September 2020
कोरोनावायरस का प्रकोप जब शुरू हुआ था, तब स्पेन एक ऐसा यूरोपीय देश था, जहां सबसे तेजी से वायरस ने अपने पैर फैलाए थे। अब लगभग पांच माह बाद एक बार फिर से इसी देश में इस वायरस ने एक बार फिर से अपने पैर पसारना शुरू किया है। पिछले एक हफ्ते के अंदर पूरे यूरोप में फैल रहे कोरोनावायरस की तुलना यदि स्पेन से करें तो यहां अन्य देशों के मुकाबले तेजी से इस वायरस का फैलाव हो रहा है। विशेषज्ञों को इस बात का डर सता रहा है कि यह वायरस कहीं पूरे महाद्वीप में एक बार फिर से अपने पैर न पसार ले। यही नहीं अधिकांश विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि पिछले एक हफ्ते में जिस तेजी से यह वायरस फैला है, उससे तो यही संकेत मिलते हैं कि यह एक बार फिर से फैलेगा।
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न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार दक्षिणी स्पेन के शहर मलागा के मुख्य अस्पताल में बीते इतवार यानी तीस सितंबर को दोपहर में आधे घंटे के अंदर 32 एंबुलेंस मरीजों को लेकर अस्पताल पहुंची। यह इस बात के संकेत हैं कि दक्षिणी स्पेन इस शहर में सबसे तेजी से यह वायरस फैल रहा है। अस्पताल के पास मरीजों के रिश्तेदार मायूस हैं और आंखों में आंसू लिए अपनों के ठीक होने की प्रार्थना कर रहे हैं। इनमें से एक 58 वर्षीय जूलिया बातिस्ता कहती हैं कि मैं अपने 91 वर्षीय पिता को लेकर आई हूं और इतजार कर रही हूं कि क्या रिपोर्ट आती है। वह बताती हैं कि हम यहां दूसरी बार आए हैं।
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ध्यान रहे कि यूरोप में यदि फरवरी, 2020 में इटली कोरोनावायरस महामारी आने की पहली लहर का अग्रदूत बना था, तो स्पेन इस लहर का दूसरा हिस्सा था। इसके अलावा फ्रांस में भी यह बढ़ रहा था। पूर्वी यूरोपीय हिस्से जैसे जर्मनी, ग्रीस, बेल्जियम में भी यह अपने पांव धीरे-धीरे टिका रहा था, लेकिन पिछले एक हफ्ते के दौरान स्पेन में सबसे अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं और इनकी संख्या है 53,000 से अधिक। स्पेन पहले से ही यूरोप में इस महामारी का मारा सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। अब तक इस देश में लगभग 4,40,000 मामले और 29,000 से अधिक मौतें दर्ज हो चुकी हैं। लेकिन एक लंबे लॉकडाउन के बाद इस देश की रोजमर्रा की जिंदगी अन्य यूरोपीय देशों के मुकाबले अधिक तेजी से पटरी पर आई। अब जैसा कि अन्य यूरोपीय लोग जानते हैं कि स्वयं की रक्षा करते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को कैसे फिर से शुरू करना है। इस मामले में स्पैनिश यूरोपीय देशों के लिए एक प्रेरणा बन गए थे।
इस संबंध में बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ में बतौर महामारी के विशेषज्ञ एंटोनी ट्रिला ने कहा कि वायरस की इस दूसरी लहर से देश के राजनीतिज्ञ और डॉक्टर इतने अधिक घबराए हुए नहीं हैं जितना पहली लहर में थे। क्योंकि उनका कहना है कि वायरस के सबसे भीषण अटैक यानी मई के मुकाबले अभी भी मृत्यु दर आधी ही है। यानी मई में यह 12 प्रतिशत थी जबकि अभी वर्तमान में 6.6 प्रतिशत है। यही नहीं पीड़ितों की औसत आयु 60 से घटकर 37 हो गई है। जहां बतिस्ता के पिता का इलाज चल रहा है उस अस्पताल के डाक्टर कहते हैं कि अब हमारे पास अनुभव है और यही नहीं अब हमारे पास चिकित्सा उपकरणों का बहुत बड़ा भंडार भी मौजूद है। इस सच्चाई से इंकार नहीं किया जा सकता कि अस्पताल एक बार फिर से भरेंगे लेकिन इसके लिए हमारी तैयारी पहले से बहुत अधिक बेहतर है।
हालांकि स्थानीय लोगों में से किसी को भी इसके वापस लौटने की उम्मीद नहीं थी। यह भी सच्चाई है कि अब तक महामारी के विशेषज्ञों ने यह नहीं बता पाए हैं कि यह वायरस इतनी जल्दी कैसे वापस आ गया।
ध्यान रहे कि मलागा जैसे स्थानों में नाइटक्लब और डिस्को क्लबों को सुबह 5 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई थी क्योंकि स्थानीय राजनेताओं ने पर्यटकों और लेट लाइन पार्टी पर निर्भर यहां कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया था। होटलों या क्लबों में अजनबियों के बजाय दोस्तों के साथ एक मेज के आसपास नृत्य करने की अनुमति प्रदान की गई थी लेकिन इन नियम का पालन नहीं किया गया। यही नहीं, अगस्त की शुरुआत में एक कुख्यात घटना यहां घटी जिसमें मलागा शहर के बाहर एक समुद्र तटीय क्लब में एक भीड़ भरे डांस फ्लोर पर नर्तकियों पर थूकते हुए एक कलाकार को फिल्माया गया था। हालांकि इस घटना के बाद इस स्थल को बंद कर दिया गया और नाइट क्लबों को भी दो हफ्ते के लिए बंद कर दिए गए थे। लेकिन आलोचकों का कहना है कि इस शहर में अभी भी प्रतिबंध बहुत कम है। जबकि इस शहर के एक 23 वर्षीय दुकान के सहायक विक्टर कहता है कि मुझे नहीं लगता है कि यह कोविड है, वास्तव में यह गरीबों को मारने औरअमीरों को बढ़ावा देने की योजना मात्र है।
ध्यान रहे कि लॉकडाउन के दौरान स्पेन सरकार ने सुरक्षा का एक स्पष्ट एजेंडा निर्धारित किया था लेकिन जून के अंत में इस सुरक्षा एजेंडे को देश की 17 क्षेत्रीय सरकारों के हवाले कर दिया गया। इससे एक भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों के अनुसार प्रवासियों के कारण भी दूसरी लहर का आना सुनिश्चित हुआ है। हालांकि देश में दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह 2,000 सैनिकों को प्रशिक्षकों के रूप में तैनात करने के लिए एक समझौते पर सहमति व्यक्त की है।