जंक फूड क्या है? क्यों यह हमारे लिए खराब है?

जंक फूड प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ है जिसमें पोषक तत्व न के बराबर होते हैं, अक्सर इनमें नमक, चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है।

By Dayanidhi

On: Thursday 08 April 2021
 

जंक फूड या फास्ट फूड चलते-फिरते समय का एक लोकप्रिय भोजन विकल्प बन गए हैं। लेकिन आपको इनका सेवन करने से पहले यह जानना आवश्यक है कि कौन सा खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। अक्सर हम जंक फूड और फास्ट फूड को पहचानने में भ्रमित हो जाते हैं, वे दोनों कैसे अलग हैं?

जंक फूड या अस्वास्थ्यकर भोजन क्या है?

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, जंक फूड प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ है जिसमें पोषक तत्व न के बराबर होते हैं, अक्सर इनमें नमक, चीनी और वसा की मात्रा अधिक होती है।

जंक फूड उच्च कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ हैं, ये खाद्य पदार्थ इस तरह से तैयार किए जाते हैं कि वे आकर्षक दिखें खाने में स्वादिष्ट हो, ताकि आप इनकी मांग अधिक से अधिक करें। व्यावसायिक उत्पाद जिनमें नमकीन स्नैक फूड, गम, कैंडी, शक्कर युक्त मिठाइयां, तला हुआ भोजन और मीठे कार्बोनेटेड पेय शामिल हैं, जो बहुत ही कम या बिना पौष्टिक वाले होते हैं, इनमें ज्यादा नमक और वसा होती है इसे जंक फूड माना जा सकता है।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा प्रयोगशाला किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में बिकने वाले ज्यादातर पैकेज्ड फूड और फास्ट फूड में नमक और वसा की बहुत अधिक मात्रा होती है। अध्ययन में कहा गया है कि खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में खाद्य पदार्थों में नमक और वसा का स्तर बहुत अधिक पाया गया।

सीएसई के पर्यावरण निगरानी प्रयोगशाला (ईएमएल) ने 33 लोकप्रिय जंक फूड पदार्थों में नमक, वसा, ट्रांस वसा और कार्बोहाइड्रेट का परीक्षण किया, जिसमें चिप्स, नमकीन, इंस्टेंट नूडल्स और इंस्टेंट सूप के 14 नमूने और बर्गर, फ्राइज, फ्राइड चिकन, पिज्जा, सैंडविच के 14 नमूने शामिल थे। इन नमूनों को दिल्ली में किराने की दुकानों और फास्ट फूड आउटलेट से एकत्र किया गया था और देश भर में इन्हें व्यापक रूप से बेचा और इनकी खपत के लिए जाना जाता है।

जंक फूड आपके लिए क्यों खराब हैं?

जंक फूड के लगातार सेवन से अतिरिक्त वसा, सामान्य कार्बोहाइड्रेट और प्रसंस्कृत चीनी का सेवन बढ़ जाता है जिससे मोटापा और हृदय रोगों का खतरा बढ़ सकता है। परिणामस्वरूप मोटापा धमनियों का रुकना शुरू कर सकता है जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ सकता है। यह भी सुझाव दिया गया है कि जंक फूड खाने से मस्तिष्क उसी तरह प्रभावित होता है जैसे नशे की दवाओं का सेवन करने से।

आईसीएमआर के अनुसार जंक फूड या अस्वास्थ्यकर आहार के कारण बीमारियां बढ़ गई हैं, 1990 के बाद इनमें 10 फीसदी से 25 फीसदी तक की वृद्धि हुई है।

जंक फूड की लत से फल, सब्जियां, सलाद आदि जैसे स्वास्थ्यप्रद खाद्य विकल्पों को खाने का मन नहीं करता है, जिसके कारण शरीर में पोषण की कमी हो जाती है।

आप जंक फूड से कैसे बच सकते हैं?

जिन खाद्य पदार्थों में ट्रांस-वसा, परिष्कृत अनाज, नमक और उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप शामिल होता है उन्हें घर लाने से बचना चाहिए। उन खाद्य पदार्थों से बचें जिनके लेबल पर कॉर्न स्वीटनर, कॉर्न सिरप, कॉर्न सिरप ठोस, आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत, या हाइड्रोजनीकृत हों।

जंक फूड को सही तरीके से लेबल करना क्यों महत्वपूर्ण है?

दुनिया भर में जंक फूड को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है। ये गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) को जन्म देते हैं, विशेष रूप से गरीब देशों में कुपोषण और मोटापे के दोहरे बोझ के लिए जिम्मेदार हैं।

लेबल लगाने से स्कूलों और विश्वविद्यालयों तक पहुंचने और इनकी उपलब्धता को प्रतिबंधित करने के अलावा, इसे एक महत्वपूर्ण नियामक उपकरण के रूप में अपनाया जा सकता है।

कैसे छोड़ा जा सकता है जंक फूड का सेवन?

ध्यान दें कि जंक फूड को छोड़ना एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो जंक फूड की दैनिक खुराक के आदी हैं, तो आपके लिए इन्हें छोड़ना जरा सा कठिन होगा। पहले कुछ दिन कठिन हो सकते हैं क्योंकि आप इनमें से कुछ लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं: चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, ऊर्जा के स्तर में गिरावट और इसी तरह। धीरे-धीरे आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।

अगले भाग में जंक फूड पदार्थों से संबंधित कानूनों और सीएसई ने जंक फूड को लेकर क्या सिफारिशें की हैं इसके बारे में जानेंगे!

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