दुनिया भर में बढ़ रही है प्रवासियों की संख्या, भारतीय सबसे अव्वल: रिपोर्ट
वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 में कहा गया है कि हिंसक घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोग अपने घर छोड़ कर दूसरे स्थानों पर जा रहे हैं, दूसरे देशों में जाने वालों में भारतीय सबसे आगे हैं
On: Wednesday 04 December 2019
दुनिया भर में प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। 2019 में दुनिया की कुल आबादी में से लगभग 3.5 फीसदी यानी तकरीबन 27.2 करोड़ लोग प्रवासी रह रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि दुनिया में भारत का एक नंबर पर है, जहां के लोग दुनिया के दूसरे देशों में सबसे अधिक प्रवासी के तौर पर रह रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राकृतिक आपदाओं की वजह से बहुत से लोग अपनी पैतृक स्थान छोड़कर जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन द्वारा 3 दिसंबर को जारी वर्ल्ड माइग्रेशन रिपोर्ट 2020 में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में भारतीय प्रवासियों की संख्या 1.75 करोड़ है, जबकि दूसरे नंबर पर मैक्सिको है, जिसके प्रवासियों की संख्या 1.18 करोड़ है। तीसरे नंबर पर चीन है, जिसके 1.07 करोड़ लोग दूसरे देशों में रह रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी साल में देख लें, हर बार आपदाओं की वजह से नए लोग विस्थापित हो रहे हैं। इसमें संघर्ष और हिंसा प्रमुख कारण है, जबकि कई देशों में प्राकृतिक आपदा की वजह से विस्थापन हो रहा है।
अंतरिम विस्थापन निगरानी केंद्र (इंटरनल डिसप्लेसमेंट मॉनीटरिंग सेंटर, आईडीएमसी) ने पहली बार 2018 में आपदाओं की वजह से विस्थापित लोगों की संख्या एकत्र की है। साल 2018 के अंत तक आपदाओं की वजह से विस्थापित हुए लगभग 16 लाख लोग अभी भी राहत कैंपों या अपने घरों से दूर रह रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में भारत में सबसे अधिक 26.78 लाख लोग अतिशय मौसमी घटनाओं और आपदाओं के कारण विस्थापित हुए।
148 देशों में 2018 में 2.8 करोड़ देश के भीतर ही विस्थापित हुए, इसमें से 61 फीसदी केवल आपदाओं के कारण विस्थापित हुए।
रिपोर्ट में बताया गया कि उच्च आय वर्ग वाले देशों से प्रवासी मजदूरों की संख्या घट रही है, जबकि उच्च मध्य आय वर्ग वाले देशों में प्रवासी मजदूरों की संख्या बढ़ी है। 2013 से 2017 के दौरान उच्च आय वर्ग वाले देशों प्रवासी मजदूरों की संख्या 11.23 करोड़ से घटकर 11.12 करोड़ रह गई है। जबकि उच्च मध्य आय वर्ग वाले देशों में प्रवासी मजदूरों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ी है। 2013 से 2017 के बीच यहां प्रवासी मजदूरों की आबादी 1.75 करोड़ से बढ़कर 3.05 करोड़ हो गई।
रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका प्रवासियों की पहली पसंद है। इसके बाद जर्मनी, सउदी अरब, रशिया फेडरेशन, ब्रिटेन, यूएई, फ्रांस, कनाडा और आस्ट्रेलिया का नंबर आता है।
चूंकि भारत ऐसा देश है, जहां से सबसे अधिक प्रवासी निकल कर दूसरे देशों में रहते हैं तो ये प्रवासी अपनी आमदनी का एक हिस्सा अपने देश भेजते हैं, जिसे रेमिटेंस कहा जाता है। इस मामले में भी भारत का नंबर अव्वल है। रिपोर्ट बताती है कि 2018 में अलग-अलग देशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों ने भारत में 78.61 बिलियन डॉलर (लगभग 5 लाख करोड़ रुपए) भेजे। 2005 में रेमिटेंस पाने वाले देशों में भारत का नंबर तीसरा था और भारत में 22.13 बिलियन डॉलर रेमिटेंस के रूप में आया था। 2010 से भारत पहले स्थान पर बना हुआ है।