पंजाब, हरियाणा भविष्य में पराली से निपटने के लिए क्या कुछ उठाएंगे कदम, एनजीटी ने मांगी जानकारी

एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर, 2023 से 28 नवंबर, 2023 के बीच पंजाब में पराली जलाने की 36,632 घटनाएं सामने आई थी। वहीं हरियाणा में ऐसी 2,285 घटनाएं दर्ज की गई हैं

By Lalit Maurya, Susan Chacko

On: Saturday 02 December 2023
 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने के मुद्दे पर कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। 29 नवंबर, 2023 को दिए अपने आदेश में एनजीटी ने राज्यों से कहा है कि वो इस समस्या से निपटने के लिए एक जनवरी से एक सितम्बर 2024 के बीच क्या कुछ कदम उठाने वाले हैं उसके बारे में तय समय सीमा के भीतर चरण-दर-चरण कार्यों की रूपरेखा तैयार करें।

अदालत के अनुसार इस कार्य योजना में अगले वर्ष पराली की समस्या से निपटने के लिए उपायों की रूपरेखा के साथ-साथ इसके कार्यान्वयन के लिए जिम्मेवार अधिकारियों का भी ब्यौरा होना चाहिए। पंजाब के वकील ने आश्वासन दिया है कि वे छह सप्ताह के भीतर इस कार्ययोजना तैयार कर ट्रिब्यूनल को सौंप देंगे। गौरतलब है कि इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी, 2024 को होगी।

बता दें कि पराली जलाने का मुद्दा मुख्य रूप से 15 सितंबर से 30 नवंबर की अवधि के बीच उठता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर, 2023 से 28 नवंबर, 2023 के बीच पंजाब में पराली जलाने की 36,632 घटनाएं सामने आई थी। वहीं हरियाणा में ऐसी 2,285 घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं दिल्ली-एनसीआर में जिसमें पंजाब, हरियाणा के हिस्से शामिल हैं उसमें पराली जलाने की 39,129 घटनाएं दर्ज की गई हैं।

रिपोर्ट के अनुसार 15 सितंबर से 16 नवंबर, 2023 के बीच हरियाणा के फतेहाबाद में पराली जलाने की सबसे ज्यादा 476 घटनाएं दर्ज की गईं। वहीं पंजाब के संगरूर में, इस अवधि के दौरान सबसे ज्यादा 5,352 घटनाएं सामने आई थी।

इंसानी आबादी के पास प्रस्तावित बायो-सीएनजी प्लांट, एनजीटी ने सरकार से मांगा जवाब

गाजियाबाद के डूंडाहेड़ा में आबादी के निकट प्रस्तावित जैव-सीएनजी संयंत्र के संबंध में एक शिकायत पर संज्ञान लेते हुए, एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित अन्य को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मामला उत्तरप्रदेश का है।

अदालत ने गाजियाबाद नगर निगम के साथ-साथ गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट, उत्तर प्रदेश सरकार और परियोजना प्रस्तावक एवरेनविरो रिसोर्सेज मैनेजमेंट को भी नोटिस भेजने का निर्देश जारी किया है।

आवेदक की शिकायत है कि यह प्रस्तावित संयंत्र घनी आबादी के पास स्थित है। इतना ही नहीं यह संयंत्र अस्पतालों और स्कूलों के भी पास है। इस बारे में आवेदक ने एक मानचित्र का हवाला देते हुए कहा है कि इस प्रस्तावित संयंत्र की सीमा लोगों के घरों और संस्थानों के साथ लगती है। इसके अलावा, बायो-सीएनजी संयंत्र अपशिष्ट जल के निर्वहन के मामले में 'नारंगी या लाल' श्रेणी के उद्योग में आता है।

चितलापक्कम के लोगों को मदंबक्कम झील से की जा रही दूषित पानी की आपूर्ति, एनजीटी के समक्ष उठा मुद्दा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 29 नवंबर को मदमबक्कम झील से पानी के नमूने एकत्र करने और उनका विश्लेषण करने का निर्देश दिया है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) और बेंगलुरु में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की क्षेत्रीय प्रयोगशाला पानी की गुणवत्ता और फीकल कोलीफॉर्म एमपीएन/100 मिलीलीटर के नमूनों का आंकलन करेगी। गोरतलब है कि पूरा मामला चेन्नई के चितलापक्कम गांव के लोगों को मदंबक्कम झील से दूषित पानी की की जा रही आपूर्ति से जुड़ा है।

इस बारे में संयुक्त रिपोर्ट एनजीटी की दक्षिणी बेंच को सौंपी जानी है। इस मामले में अदालत ने तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी), तमिलनाडु जल और ड्रेनेज बोर्ड (टीडब्ल्यूएडी), और तांबरम सिटी नगर निगम के अधिकारियों को नोटिस भेजने का भी आदेश दिया है।

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