हर तरह के प्लास्टिक रीसाइक्लिंग को वैज्ञानिकों ने बनाया आसान, कचरे पर लगेगी लगाम

शोधकर्ताओं ने थर्मोसेट पॉलिमर में घुलने वाले बॉन्ड का एक तरीका विकसित किया है ताकि उन्हें आसानी से दोबारा उपयोग करने लायक बनाया जा सके।

By Dayanidhi

On: Wednesday 27 December 2023
 
फोटो साभार : आईस्टॉक

एक शोध के मुताबिक, ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक ऐसी विधि का उपयोग करके कई अलग-अलग प्रकार के प्लास्टिक को रीसायकल करने की प्रक्रिया को बहुत आसान बनाने की दिशा में सफलता हासिल की है। इस प्रक्रिया में रीसायकल करने में मुश्किल पॉलिमर, रबर, जैल और चिपकने वाले समेत इन सभी पदार्थों की पूरी श्रृंखला को शामिल किया जा सकता है।

थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेट्स दो प्रकार के प्लास्टिक हैं जो दोनों पॉलिमर नामक अणुओं की लंबी श्रृंखला से बने होते हैं लेकिन गर्म होने पर अलग-अलग व्यवहार करते हैं।

जहां थर्मोप्लास्टिक  को अधिक तापमान तक गर्म किया जा सकता है, एक सांचे में डाला जा सकता है और फिर मनचाहा आकार में ढालने के लिए ठंडा किया जा सकता है।

बाद में इन्हें पिघलाया जा सकता है और रीसाइक्लिंग करके अन्य आकार दिया जा सकता है, हालांकि खींचने या तनाव देने पर ये टूट सकते हैं।

इसके विपरीत, थर्मोसेट प्लास्टिक में पॉलिमर श्रृंखलाओं को एक नेटवर्क बनाने के लिए क्रॉसलिंक किया जाता है जो उन्हें मजबूत और लचीला बनाता है। इनका उपयोग अक्सर मिश्रित सामग्री, पेंट, कोटिंग्स, रबर और जैल में किया जाता है।

यहां बताते चले कि क्रॉसलिंक किसी पॉलिमर या अन्य जटिल अणु में परमाणुओं की अलग-अलग श्रृंखलाओं के बीच एक रासायनिक बंधन है।

हालांकि, क्रॉसलिंक का मतलब है कि सामग्री गर्म होने पर पिघलने के बजाय जल जाती है, जिससे उन्हें तोड़ना और रीसायकल करना बहुत कठिन हो जाता है।

अब, बाथ विश्वविद्यालय और सरे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने थर्मोसेट पॉलिमर में घुलने वाले या डिग्रेडेबल बॉन्ड डालने का एक तरीका विकसित किया है ताकि उन्हें अधिक आसानी से दोबारा उपयोग करने लायक बनाया जा सके।

पॉलिमर केमिस्ट्री नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में शोधकर्ताओं ने संरचना के विभिन्न हिस्सों में शामिल टूटने योग्य बंधनों के साथ पॉलिमर जैल की एक श्रृंखला बनाई, और परीक्षण किया कि क्या जेल के खराब होने और सुधार के बाद गुणों में बदलाव आता है।

उन्होंने पाया कि हालांकि सभी जैल को कुछ हद तक खराब किया जा सकता है, लेकिन पॉलिमर श्रृंखलाओं में टूटने योग्य बंधन वाले जैल ने क्रॉस-लिंक्ड के माध्यम से टूटने वाले पॉलिमर की तुलना में सुधार के बाद अपने गुणों को बेहतर बनाए रखा।

शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि इस मॉडल प्रणाली को चिपकने वाले, सीलेंट और इलास्टोमर सहित अन्य प्रकार के पॉलिमर पर लागू किया जा सकता है।

शोध के हवाले से बाथ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के डॉ. मैकिएक कोपे ने कहा थर्मोसेट का उपयोग व्यावसायिक क्षेत्र में रेजिन और चिपकने वाली सामग्रियों में व्यापक रूप से किया जाता है।

इन सामग्रियों में बांड को पहले जैसा बनाने में सक्षम होने से उनके प्रयोगों में वृद्धि होगी और साथ ही उन्हें दोबारा अधिक प्रयोग करने योग्य बनाया जा सकेगा।

शोधकर्ताओं ने बताया कि उनका लक्ष्य इन टूटने योग्य बांडों की अच्छी तरह पड़ताल करना है, ताकि बेहतर ढंग से समझा जा सके कि क्यों कुछ बांड दूसरों की तुलना में अधिक आसानी से टूट जाते हैं। उन्होंने कहा, अन्य व्यावसायिक रूप से उपयोग किए जाने वाले पॉलिमर का उपयोग करके प्रणाली को अनुकूलित करने की योजना बनाई गई है।

शोध के हवाले से शोधकर्ताओं ने बताया कि वे इस काम के अन्य प्रयोगों पर भी विचार कर रहे हैं, जिसमें नियंत्रित दवा वितरण प्रणालियों के लिए क्रॉसलिंक्ड पॉलिमर को वाहन के रूप में उपयोग करना शामिल है।

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