लैंडफिल में खाद के उपयोग से पर्यावरणीय फायदे हो सकते हैं : अध्ययन

उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि लैंडफिल में खाद का उपयोग करने से महत्वपूर्ण पर्यावरणीय फायदे हो सकते हैं।

By Dayanidhi

On: Tuesday 15 December 2020
 

बहुत से लोगों का मानना है कि नगरपालिक के ठोस कूड़े, कार्बनिक पदार्थों से खाद बनानी चाहिए न कि उसे लैंडफिल में डाला जाना चाहिए। लेकिन उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में पाया गया है कि लैंडफिल में खाद का उपयोग करने से महत्वपूर्ण पर्यावरणीय फायदे हो सकते हैं।

अध्ययनकर्ता और सिविल, कंस्ट्रक्शन और पर्यावरण इंजीनियरिंग के शोध सहायक प्रोफेसर जेम्स लेओस कहते हैं कि यहां बहुत सारे खाद बनाने के तरीके हैं, उनमें से कुछ का उपयोग किया जा सकता है जो फायदेमंद हों।  बहुत सारे राज्य और स्थानीय नियम अक्सर रोज उपयोग किए जाने वाले फायदेमंद तरीको को मान्यता नहीं देते हैं। लेकिन हमारे अध्ययन से पता चलता है कि लैंडफिल में रोज उपयोग किए जाने वाले वैकल्पिक तरीके अक्सर खाद का उपयोग मिट्टी के लिए बेहतर होता है, इसके पर्यावरणीय फायदे भी हैं।

लैंडफिल में हर दिन कूडे़ की एक परत इस तरह बिछाई जाती है ताकि मलवा बाहर न निकले, हवा में न उड़ सके और इससे दुर्गंध न फैले।

दुनिया भर मे कचरे के बढ़ने के साथ-साथ भोजन के कचरे में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जिसका उपयोग खाद बनाने के लिए किया जा सकता है। हालांकि खाद्यान्न कचरे से बनी खाद में अक्सर टूटे हुए कांच और अन्य दूषित पदार्थ होते हैं, जोकि मृदा संशोधन /सुधार के लिए ठीक नहीं होते हैं, जैसे कि बागानों या कृषि क्षेत्रों में इनका उपयोग नहीं किया जा सकता है। प्रदूषकों को हटाने के लिए तकनीकें उपलब्ध हैं, लेकिन इनसे खाद बनाने की लागत बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त हमेशा सभी तरह की उपलब्ध खाद के लिए पर्याप्त स्थानीय बाजार नहीं है।

लेविस और उनके सहयोगी यह निर्धारित करना चाहते थे कि लैंडफिल पर रोज वैकल्पिक आवरण के रूप में कम्पोस्ट खाद का उपयोग करना पर्यावरण के लिए कितना फायदेमंद होगा, क्या मिट्टी को संशोधित करने के लिए इस खाद का उपयोग करने पर लाभ हो सकता है। यह अध्ययन एनवायर्नमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

आखिर में शोधकर्ताओं ने दो मामलों के समग्र पर्यावरणीय प्रभाव का अनुमान लगाने के लिए एक जटिल कम्प्यूटेशनल मॉडल विकसित किया। मिट्टी में संशोधन/सुधार करने के लिए खाद का उपयोग जैसे- बगीचे में और लैंडफिल में रोज के आवरण के रूप में खाद का उपयोग करना। मॉडल ने प्रत्येक मामले के पूरे जीवन चक्र का मूल्यांकन करने वाले सिमुलेशन का उपयोग किया। उदाहरण के लिए, वे न केवल खाद से निकलने वाली ग्रीनहाउस गैसों को देखते हैं, बल्कि उन उपकरणों जिनका उपयोग लैंडफिल सुविधाओं के लिए किया जाता हैं, उनकी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कितनी भूमिका है। उत्सर्जन में कमी की भी गणना की गई है, जैसे कि उर्वरक से संबंधित उत्सर्जन में कमी, यह तब होती है जब पहले से उपयोग किए जा रहे उर्वरकों के बजाय उत्पादक अपने खेत में उस कम्पोस्ट खाद का उपयोग करते हैं।

मॉडल के द्वारा पांच तहर के पर्यावरणीय प्रभावों को देखा गया:

  • ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने की क्षमता, या दो मामलों द्वारा जारी किसी भी ग्रीनहाउस गैस के वार्मिंग पर पड़ने वाले पूरे प्रभाव।
  • अम्लीकरण या एक सीमा तक हाइड्रोलॉजिकल सिस्टम के अम्लीकरण में भूमिका (जैसे एसिड वर्षा आदी)।
  • यूट्रोफिकेशन: हर मामले में भूजल और सतह के पानी के लिए जारी पोषक तत्वों की मात्रा।
  • कुल ऊर्जा की मांग, या हर मामले के लिए आवश्यक जीवाश्म ईंधन संसाधनों की मात्रा, साथ ही साथ जीवाश्म ईंधन की कीतनी मात्रा का उपयोग करता है।
  • अजैव (एबियोटिक) संसाधन की कमी, या किसी भी गैर-जैविक, बिना नवीकरणीय संसाधन (जैसे, फॉस्फोरस) की मात्रा प्रत्येक मामले को पूरा करने के लिए आवश्यक है, साथ ही उन संसाधनों की मात्रा जो प्रत्येक मामले में ऑफ़सेट (जैसे, खाद में फ़ॉस्फ़ोरस) का उपयोग किया जाता है बागानों और फसल भूमि में मिट्टी में संशोधन से उर्वरकों में खनन फास्फोरस की आवश्यकता कम हो जाती है।

अध्ययनकर्ताओं ने दोनों अनिश्चितताओं और विभिन्न परिस्थितियों के लिए अलग-अलग कई बार सिमुलेशन का उपयोग किया, जिसके तहत दोनों मामले हो सकते हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि रोज के आवरण के रूप में कम्पोस्ट खाद का उपयोग करने से मिट्टी के संशोधन में इसके उपयोग के लिए लगभग 100 फीसदी सिमुलेशन का मूल्यांकन किया गया। रोज के आवरण ने 77 फीसदी सिमुलेशन में अम्लीकरण को कम करने के लिए और ग्लोबल वार्मिंग क्षमता को 63 फीसदी तक कम कर दिया। दूसरी ओर मिट्टी के संशोधन में 96 फीसदी सिमुलेशन में अजैविक संसाधन की कमी की संभावनाओं को सीमित करने में यह बेहतर पाया गया। 94 फीसदी ऊर्जा की मांग के संदर्भ में बेहतर था।

अध्ययनकर्ता ने कहा हमारा अध्ययन उन परिस्थितियों को भी सामने लाता है जो एक प्रक्रिया को दूसरे की तुलना में अधिक पर्यावरणीय रूप से आकर्षक बनाते हैं। उदाहरण के लिए, हमारा काम दिखाता है कि कौन से बदलने वाली चीजें हैं। यह निर्धारित करना कि लैंडफिल में रोज का आवरण के रूप में कम्पोस्ट खाद का उपयोग करना, मिट्टी को संशोधित करने के लिए रासायनिक खादों का उपयोग करने की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग क्षमता को कम करेगा।

लेविस कहते हैं कि हम यह सुझाव नहीं दे रहे हैं कि मिट्टी में संशोधन /सुधार के बजाय खाद को वैकल्पिक  तरीके से रोज के आवरण के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए। लेकिन हमें लगता है कि यह काम इस तथ्य को सामने लाता है कि लैंडफिल में रोज के आवरण के रूप में खाद का उपयोग करने से पर्यावरणीय लाभ जुड़े हैं, हमें इस पर विचार करने के लिए इस विषय पर निर्णय लेने वालों के साथ काम करने की आवश्यकता है।

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