वैज्ञानिकों ने बनाई पानी से तेल अलग करने की नई तकनीक

2025 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाएगा। इसलिए तैलीय मिश्रण को फिल्टर करने के लिए इस तरह की तकनीकों का विकास करके स्वच्छ पानी की मात्रा में वृद्धि करना आवश्यक है

By Dayanidhi

On: Thursday 02 January 2020
 
Photo: needpix

शोधकर्ताओं ने पानी से तेल को अलग करने के लिए एक बहुत पतली झिल्ली (अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन) विकसित करने में सफलता हासिल की है। यह कारनामा जापान स्थित कोबे यूनिवर्सिटी के रिसर्च सेंटर फॉर मेम्ब्रेन एंड फिल्म टेक्नोलॉजी में प्रोफेसर मत्सुयामा हिदेतो और प्रोफेसर योशिओका तोमोहिसा के नेतृत्व में किया गया है। यह अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन विभिन्न तरह के तैलीय पदार्थों को पानी से अलग करने में सक्षम है। यह शोध जर्नल ऑफ़ मैटेरियल्स केमिस्ट्री ए में प्रकाशित हुआ है।

तेल को पानी से अलग करने और विभिन्न उद्योगों द्वारा उत्पन्न जल प्रदूषण से निपटने के लिए इस तकनीक का विकास महत्वपूर्ण है। अध्ययन में कहा गया है कि 2025 तक दुनिया की दो तिहाई आबादी को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाएगा। इसलिए तैलीय मिश्रण को फिल्टर करने के लिए इस तरह की तकनीकों का विकास करके स्वच्छ पानी की मात्रा में वृद्धि करना आवश्यक है।

पानी से तेल को अलग करने की बहुत पतली झिल्ली (अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन) तकनीक पारंपरिक शुद्धिकरण विधियों की तुलना में कम लागत, कम ऊर्जा में आसानी से इस काम को पूरा कर सकती है।

शोधकर्ताओं द्वारा विकसित की गई अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन के उपरी सतह पर 10 नैनो-मीटर मोटी सिलिका परत लगी होती है, साथ में एक छिद्रयुक्त पॉलीकेटोन (पीके) इसको सहारा देने के लिए इस पर लगाई गई है। इलेक्ट्रोस्टैटिक का उपयोग करते हुए पीके के महीन रेशों पर इस सिलिका की परत को लगाया गया था।

पीके अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन में बड़े छिद्रों के कारण इसमें पानी की अधिक मात्रा समा सकती है। सिलिकोसिस प्रक्रिया- पॉलीकेटोन (पीके) के महीन रेशों पर सिलिका को जोड़ा जाता है।

इस अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन का एक अन्य लाभ यह है कि इसमें तेजी से पानी डालने के लिए किसी अन्य सामग्री की आवश्यकता नहीं होती है। 

शोधकर्ताओं ने गुरुत्वाकर्षण के द्वारा बहुत पतली झिल्ली (अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन) ने पानी को तेल से अलग कर दिया। यहां तक कि पानी का स्तर 10 सेमी से कम होने पर भी यह फिल्टर काम करने में सक्षम है। इसके अलावा, अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन 99.9% तेल की बूंदों को अलग करने में सक्षम थी- जिसमें 10 नैनोमीटर आकार वाले बूंदे भी शामिल थी। अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन का उपयोग करके 1 वर्ग मी. क्षेत्र से 6000 लीटर अपशिष्ट जल को 1 घंटे में साफ किया जा सकता है। मेम्ब्रेन विभिन्न तरह के तैलीय पदार्थों को पानी से अलग करने में सक्षम है। 

अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन पर किए गए प्रदूषण के खिलाफ प्रयोगों के माध्यम से, पता चला कि यह तेल को सतह से नहीं सोखता है। इसकी मदद से तेल की बूंदों को आसानी से साफ किया जा सकता था। इस अल्ट्राथिन मेम्ब्रेन ने विभिन्न प्रकार के अम्लीय, क्षारीय, विलायक और नमक वाले पानी को भी आसानी से फिल्टर किया जा सकता है। 

जल प्रदूषण और स्वच्छ पानी की कमी के खिलाफ लड़ाई में इस तकनीक की अहम भूमिका होगी। इस तकनीक का उपयोग उद्योग के अपशिष्ट जल को साफ करने में किया जा सकता है।

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