सूखे अगस्त में जलाशयों में रही 38 फीसदी की कमी, बहुत कम हुआ दक्षिण और पूर्वी भारत की घाटियों का जलस्तर

सीडब्ल्यूसी बुलेटिन का विश्लेषण बताता है कि अगस्त महीने में जलाशयों में लाइव स्टोरेज कुल कैपेसिटी 62 से 64 फीसदी के बीच ही बना रहा।  इसके चलते कई बेसिन में भयंकर पानी की कमी हो गई है।

By Vivek Mishra

On: Monday 04 September 2023
 

मानसून के तीसरे यानी अगस्त महीने में 123 वर्षों की अब तक की सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है। इसका असर भारत के जलाशयों में भी देखने को मिल रहा है। पूरे महीने में भारत के कुल 150 जलाशयों में जल भंडार का स्तर लाइव स्टोरेज कैपिसिटी से करीब 38 फीसदी कम ही बना रहा है।

केंद्रीय जल आयोग की ओर से 31 अगस्त, 2023 को जारी बुलेटिन के मुताबिक जलाशयों में लाइव स्टोरेज 113.417 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है जो कि कुल लाइव स्टोरेज कैपेसिटी का 63 फीसदी है। जलाशयों के स्टोरेज की यह स्थिति न सिर्फ 2022 की समान अवधि से 23 फीसदी कम है बल्कि बीते दस वर्षों की समान अवधि में भी 9 फीसदी कम है।  

तीन हफ्ते पहले 10 अगस्त, 2023 को जलाशयों में लाइव स्टोरेज 109.98 बीसीएम था जो कि कुल लाइव स्टोरेज कैपिसिटी का 62 फीसदी था। इसके एक हफ्ते बाद 17 अगस्त, 2023 को जलाशयों के लाइव स्टोरेज में सुधार नहीं हुआ और बुलेटिन के मुताबिक लाइव स्टोरेज 111.285 बीसीएम था जो कि कुल लाइव स्टोरेज कैपेसिटी का 62 फीसदी ही था। इसी तरह एक हफ्ते बाद मामूली सुधार दिखा, 24 अगस्त, 2023 को भी जलाशयों का लाइव स्टोरेज 113.584 बीसीएम था जो कि कुल लाइव स्टोरेज कैपेसिटी का 64 फीसदी था। अब ताजा बुलेटिन में यह फिर एक फीसदी कम यानी 63 फीसदी हो गया है। 

सीडब्ल्यूसी बुलेटिन का विश्लेषण बताता है कि अगस्त महीने में जलाशयों में लाइव स्टोरेज कुल कैपेसिटी 62 से 64 फीसदी के बीच ही बना रहा।  इसके चलते कई बेसिन में भयंकर पानी की कमी हो गई है।

दक्षिण भारत में कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश में बहने वाली नदी पेन्नार व पूर्वी केंद्रीय भारत में छत्तीसगढ और उड़ीसा अंचल की सबसे बड़ी नदी महानदी में पानी का स्तर अत्यंत कम (हाईली डिफिशिएंट) हो गया है जबकि भारत के झारखण्ड, पश्चिम बङ्गाल और उड़ीसा राज्यों में बहने वाली नदी स्वर्णरेखा, ब्राह्मणी और वैतर्णी और कर्नाटक तथा उत्तरी तमिलनाडु में बहनेवाली कावेरी नदी, पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी माही व दक्षिण-पूर्व राज्य से उद्मग होने वाली कृष्णा और पश्चिम की तरफ तादरी से कन्याकुमारी की ओर बहने वाली नदियों में जल स्तर कम यानी डिफिशिएंट हो गया है। 

सीडब्ल्यूसी के मुताबिक सामान्य के करीब का अर्थ बेसिन में 20 फीसदी तक कमी से है। जबकि  डिफिशिएंट का अर्थ 20 से अधिक व 60 फीसदी तक कमी से है। हाईली डिफिशिएंट का अर्थ जहां 60 फीसदी से अधिक स्टोरेज कम है।

सीडब्ल्यूसी के मुताबिक गंगा, बराक, तापी बेसिन में जलस्तर सामान्य के करीब है। उत्तरी क्षेत्र को छोड़कर पूर्वी, पश्चिमी, केंद्रीय और दक्षिणी क्षेत्रों के जलाशयों में स्टोरेज बीते वर्ष से कम है। हालांकि, सभी राज्यों में स्थिति एक जैसी नहीं है। 

उड़ीसा झारखंड, पश्चिम बंगाल में सामान्य से कम स्टोरेज है। जबकि पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र में भी स्टोरेज में कमी आई है। वहीं केरल कर्नाटक और तमिलनाडु में भी स्टोरेज में बड़ी कमी दर्ज की गई है। 

 

 

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