मौसम विभाग ने लगातार पांचवें साल सामान्य मॉनसून का अनुमान जारी किया

भारतीय प्रायद्वीप के कई क्षेत्रों, इससे सटे पूर्वी मध्य भारत, पूर्वोत्तर भारत और उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है

By Dayanidhi

On: Tuesday 11 April 2023
 

मॉनसून आने में अभी कम से कम दो महीने शेष हैं, लेकिन इससे पहले मॉनसून को लेकर पूर्वानुमान जारी होने लगे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी)  ने 11 अप्रैल 2023 को जारी अपने पूर्वानुमान में कहा है कि आगामी मॉनसून सामान्य रहेगा। 

मौसम विभाग ने पूरे देश में 2023 के दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीजन (जून-सितंबर) की बारिश का पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक समूचे देश में मॉनसून के मौसम के दौरान बारिश के सामान्य रहने का अनुमान है। इस तरह इसके दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) का 96 फीसदी होने की संभावना है।

यहां बताते चलें कि 1971-2020 के आंकड़ों के आधार पर पूरे देश में मॉनसून के मौसम के दौरान होने वाली वर्षा का एलपीए 87 सेमी है।

हालांकि कल यानी 10 अप्रैल 2023 को निजी एजेंसी स्काइमेट ने अपने पूर्वानुमान में सामान्य से कम बारिश होने की बात कही थी। 

Source : IMD

मौसम विभाग ने कहा है कि वर्तमान में प्रशांत क्षेत्र में ला नीना की स्थिति बदल गई है। मॉनसून की अवधि के दौरान अल नीनो के प्रभावी रहने की आशंका जताई गई है।

मॉनसूनी मौसम के दौरान भारतीय प्रायद्वीप के कई क्षेत्रों और इससे सटे पूर्वी मध्य भारत, पूर्वोत्तर भारत और उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है

उत्तर पश्चिम भारत के कुछ क्षेत्रों और पश्चिम मध्य भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका जताई गई है।

भूमध्यरेखीय प्रशांत और हिंद महासागर में समुद्र की सतह का तापमान (एसएसटी) वर्तमान में, ला नीना की स्थिति भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ स्थिति में बदल गई है।

मौसम विभाग ने बताया कि नवीनतम एमएमसीएफएस के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडलों ने इस बात का पूर्वानुमान लगाया हैं कि मॉनसून के मौसम में अल नीनो के अत्यधिक असरदार रहने के आसार हैं।

वर्तमान में तटस्थ आईओडी की स्थितियां हिंद महासागर के ऊपर मौजूद हैं। नवीनतम जलवायु मॉडल के पूर्वानुमान से पता चलता है कि, आईओडी की स्थितियां दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के दौरान विकसित होने की संभावना है।

प्रशांत और हिंद महासागर के ऊपर समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) की स्थिति भारतीय मॉनसून पर एक मजबूत प्रभाव डालने के लिए जानी जाती है। आईएमडी ने कहा कि वह, इन महासागर घाटियों पर समुद्र की सतह की स्थिति में होने वाले बदलावों की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रहा है।

उत्तरी गोलार्ध में बर्फबारी में कमी
फरवरी और मार्च 2023 के दौरान उत्तरी गोलार्द्ध के बर्फ से ढके रहने वाले क्षेत्रों में बर्फ का आवरण सामान्य से कम रहा। उत्तरी गोलार्द्ध के साथ-साथ यूरेशिया में शीतकालीन और वसंत के दौरान बर्फ के आवरण की सीमा बाद के ग्रीष्मकालीन मॉनसूनी बारिश के साथ सामान्य से विपरीत असर दिखता है।

मौसम विभाग ने बताया कि, वह सीजन शुरू होने से ठीक पहले मई 2023 के अंतिम सप्ताह में इस वर्ष के लिए मॉनसून अपडेट का पूर्वानुमान भी जारी करेगा।

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