मानसून की बारिश ने अब तक ली 1019 लोगों की जान, 14 राज्यों को सबसे अधिक नुकसान

चालू मानसून सीजन में 30 अगस्त तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है, जिससे कई राज्यों में बाढ़ आई हुई है

By Raju Sajwan

On: Monday 31 August 2020
 
फोटो: विकास चौधरी

चालू मानसून सीजन में 30 अगस्त तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। इस सीजन में गुजरात और सिक्किम में सबसे अधिक बारिश हुई है। जबकि सात राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इससे कई राज्यों में बाढ़ आई हुई है। इसके चलते 22 मई से लेकर 27 अगस्त के बीच 1019 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की रिपोर्ट के मुताबिक 30 अगस्त तक सामान्य बारिश 703.7 मिलीमीटर होनी चाहिए, लेकिन पूरे देश में 770.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। सबसे अधिक बारिश मध्य भारत में हुई है। यहां सामान्य से 21 फीसदी अधिक बारिश हुई है। जबकि दक्षिण भारत में 20 फीसदी अधिक बारिश हुई है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग के नेशनल इमरजेंसी रिस्पोंस सेंटर (एनआईआरसी) की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नुकसान पश्चिम बंगाल को हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 1 जून से 27 अगस्त 2020 तक पश्चिम बंगाल मे 1138.3 एमएम बारिश हो चुकी है। इससे 23 जिलों के 2,004 गांव प्रभावित हुए हैं। लगभग 2.20 लाख लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं और 258 लोगों की मौत हुई है। 5 लोग लापता हैं और 1,033 घर पूरी तरह से टूट चुके हैं, जबक 190 बुरी तरह से और 10,702 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। खेती की जमीन कितनी प्रभावित हुई है, इसका आकलन किया जा रहा है।

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आसाम में 22 मई से 27 अगस्त के बीच 1236 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश की वजह से राज्य के 30 जिले और 5,378 गांव प्रभावित हुए हैं और 56,91,694 लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। बाढ़ की वजह से 113 लोगों की मौत हो गई, जबकि भूस्खलन (लैंडस्लाइड) की वजह से 26 लोगों की जान चली गई। इतना ही नहीं, 2.65 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में आई है। बाढ़ की वजह से 10 हजार से अधिक घर पूरी तरह से तबाह हो गए हैं, जबकि 46 हजार आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

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एनआईआरसी के मुताबिक गुजरात में चालू मानसून सीजन में 897.26 एमएम बारिश हुई है। अब तक 17 जिलों के 160 गांवों के 17,572 लोग प्रभावित हुए हैं। बारिश की वजह से 175 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 93 लोग घायल हुए हैं।

केरल में 1 जून से 27 अगस्त के बीच 1623.7 एमएम बारिश हो चुकी है। बाढ़ की वजह से 14 जिलों के 1670 गांवों की 67,010 लोग प्रभावित हो चुके हैं। अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि पांच लोग लापता हैं। बाढ़ की वजह से कितनी खेती की जमीन प्रभावित हुई हैं, ये आंकड़े अभी जारी नहीं किए गए हैं।

कर्नाटक में अब तक 717 एमएम बारिश हुई है। इससे 15 जिलों के 813 गांव चपेट में आ चुके हैं। अब तक 101 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लोग अभी लापता है और 6 लोग घायल हैं। जबकि 433 घर टूट चुके हैं और 9,664 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 320 पशु भी प्रभावित हुए हैं। लगभग 2,99,988 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा सड़क, हाइवे, पुल, खंभे, ट्रांसफार्मर, सामुदायिक भवनों, पानी की लाइन भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रदेश के 1830 स्कूलों, 1135 आंगनवाड़ी और सामुदायिक भवनों को भी नुकसान पहुंचा है।

मध्य प्रदेश में 16 जून को मानसून पहुंचा था और अब तक 727.9 एमएम बारिश हो चुकी है। इस वजह से 48 जिलों के 656 गांवों को नुकसान पहुंचा है। बारिश की वजह से 129 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि सात लोग लापता हैं और 46 लोग घायल हैं। इसके अलावा 107 घर पूरी तरह से और 3,241 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 182 जानवरों को भी नुकसान पहुंचा है, लेकिन बारिश की वजह से खेतों को कितना नुकसान पहुंचा है, यह अब तक नहीं बताया गया है।

महाराष्ट्र में  चालू मानसून सीजन में 827.5 एमएम बारिश हो चुकी है। इससे 9 जिलों में नुकसान पहुंचा है। अब तक 910 गांवों की 16,498 आबादी प्रभावित हो चुकी है। बारिश की वजह से 62 लोगों की मौत हो चुकी है और 4 लोग घायल हैं। महाराष्ट्र से भी अब तक फसलों के नुकसान का आकलन केंद्र तक नहीं पहुंचा है।

आंध्रप्रदेश में 1 जून से 26 अगस्त के बीच 469.3 एमएम बारिश हुई है। अत्याधिक बारिश की वजह से राज्य के दो जिलों के 294 गांवों की 1,76,290 लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 2 लोग लापता है। 382 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। लगभग 7,446 हेक्टेयर कृषि भूमि और 8,612 हेक्टेयर बागवानी भूमि प्रभावित हुई है।

बिहार में चालू मानसून सीजन में अब तक 945.3 एमएम बारिश हो चुकी है और 16 जिलों के 1,333 ग्राम पंचायतें प्रभावित हो चुकी हैं। लगभग 83 लाख 60 हजार लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हो हुए हैं। इनमें से 27 लोगों की जान जा चुकी है। बाढ़ से खेती को कितना नुकसान हुआ है। इस बारे में सर्वे नहीं किया गया है।

छत्तीसगढ़ में 15 जून से बारिश शुरू हुई थी और अब तक राज्य में 965.9 एमएम बारिश हो चुकी है। 16 जिलों में बारिश का असर देख गया है। अब तक यहां 36 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 4 लोग लापता हैं और 5 घायल हैं। बाढ़ से 1894 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को नुकसान हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा में अब तक 962.8 एमएम बारिश हो चुकी है। बारिश से राज्य के 20 जिलों के 3,475 गांव प्रभावित हुए हैं और लगभग 18.70 लाख आबादी प्रभावित हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, तीन लोग लापता हैं और 2 लोग घायल हैं। इसके अलावा 3,356 घरों को नुकसान पहुंचा है। बारिश से 92,592 हेक्टेयर कृषि भूमि पर भी असर पड़ा है।

पंजाब में अब तक 267.08 एमएम बारिश हुई है और इससे 10 जिले प्रभावित हुए हैं। अब तक 28 गांवों में भी बारिश का कहर बरपा है। 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 8 लोग घायल हैं। 267 घर पूरी तरह से और 283 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश की वजह से संगरूर में 3,850 एकड़, , श्री मुक्तसर साहिब में 13-14 हजार एकड़ और भटिंडा में 14-1500 एकड़ कृषि भूमि प्रभावित हुई है।

उत्तर प्रदेश में अब तक 556.6 एमएम बारिश हुई है और 23 जिलों के 1,715 गांव प्रभावित हुए हैं। बाढ़ की वजह से 8,71,488 लोग का जीवन प्रभावित हो चुका है। राज्य में 26 लोगों की जान जा चुकी है और 2,663 घर टूट चुके हैं। लगभग 97,700 हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है।

जम्मू कश्मीर में भी मानूसन की वजह से नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी तक कितनी बारिश हुई है, इसका आकलन नहीं किया गया है, लेकिन बारिश की वजह से 6 जिले प्रभावित हुए हैं और 44 लोगो की जान जा चुकी है, एक व्यक्ति लापता है और 68 लोग घायल हैं।

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