किसान आंदोलन: किसानों ने सरकार का सशर्त निमंत्रण अस्वीकार किया

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के भीतर और सीमाओं पर डटे किसानों को मनाने की सरकार की कोशिशें नाकाम हो रही हैं

By DTE Staff

On: Monday 30 November 2020
 

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली और इसकी सीमाओं पर जुटे हुए हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 नवंबर, 2020 को कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं और विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है।

इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रांसपोर्टरों ने प्रदर्शनकारियों को समर्थन की घोषणा की और किसानों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी दी। 30 नवंबर, 2020 को दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू बॉर्डर पर एक संवाददाता सम्मेलन में किसान और ट्रांसपोर्टर एक मंच पर आए।

दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परमजीत सिंह गोल्डी ने कहा कि किसानों के बिना ट्रांसपोर्टर स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकते हैं, इसलिए उनके आंदोलन का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं हुईं तो दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी निजी टैक्सी, ऑटो, टैक्सी, और ट्रक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

इस बीच, प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा कि वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे। भारतीय किसान यूनियन (दकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि हमने मोदी जी के सशर्त निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। वह 'मन की बात' (दिल से बात) करते हैं; हम यहां आए उन्हें अपने मन की बात सुनाने आएं, वे हमारे मन की बात सुनें। उन्होंने कहा कि हम पीछे नहीं हटने वाले हैं। हम केवल आगे बढ़ेंगे। हम चाहते हैं कि सरकार हमारी बात सुने।

29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि किसानों के लिए नए कृषि कानून अपनी आय बढ़ाने के लिए एक विकल्प हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष किसानों को गुमराह करने के लिए अफवाह फैला रहा है।

प्रधानमंत्री ने 30 नवंबर को अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में एक सार्वजनिक बैठक में विपक्ष को किसानों को गुमराह करने पर अपना बयान दोहराया।

सीधे तौर विपक्षी दलों का नाम न लेते हुए उन्होंने कहा कि इन ऐतिहासिक कृषि सुधार कानूनों के बारे में उन लोगों द्वारा गुमराह किया जा रहा है, जिन्होंने दशकों से किसानों को गुमराह किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, "इन लोगों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य, ऋण माफी और उर्वरक सब्सिडी के नाम पर किसानों के साथ खेल खेला।"


हरियाणा के भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह चादुनी ने कहा, "हम एक निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं।" उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने किसानों को दबाने के लिए उनके खिलाफ 31 मामले दर्ज किए हैं।

किसान नेताओं ने सभी प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन जारी रखने का अनुरोध किया।

स्वराज अभियान पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार झूठ फैला रही है कि किसानों को गुमराह किया गया है।
उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है। इससे पहले चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के आह्वान पर लाखों किसान दिल्ली आए थे। उसके बाद अब ऐसा हुआ है। ”

यादव ने कहा, “वे कहते हैं कि बिचौलियों या कमीशन एजेंटों द्वारा विरोध आंदोलन किया जा रहा है। मैं आपको जांचने के लिए कहता हूं कि यहां किसान प्रदर्शन कर रहा है या बिचौलिया।"

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