ईआईए अधिसूचना, 2006 में किए बदलावों को चुनौती देने वाली याचिका का कोर्ट ने किया निपटारा

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

By Susan Chacko, Lalit Maurya

On: Wednesday 19 October 2022
 

एनजीटी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा 11 अप्रैल और 7 मई, 2022 को जारी कार्यालय ज्ञापन की वैधता को चुनौती देने वाले आवेदन का निपटारा कर दिया है। गौरतलब है कि इन ज्ञापनों के जरिए मंत्रालय ने पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन यानी ईआईए अधिसूचना, 2006 के तहत कोयला खनन परियोजनाओं के विस्तार के लिए पर्यावरण मंजूरी (ईसी) प्रदान करने की मुख्य प्रक्रिया को कम कर दिया था।

कोर्ट का कहना है कि कार्यालय ज्ञापन विस्तार के लिए व्यक्तिगत पर्यावरण मंजूरी को चुनौती नहीं देगा, यदि यह दिखाया जा सकता है कि जन सुनवाई या ईआईए/ईएमपी से छूट किसी भी तरह से पर्यावरण के लिए उचित और प्रतिकूल नहीं है।

डंप साइट पर कचरे के अवैज्ञानिक तरीके से होते निपटान पर एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 17 अक्टूबर 2022 को कोयंबटूर के जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगम आयुक्त को कोयंबटूर में एक डंप साइट पर कचरे के अवैज्ञानिक तरीके से हो रहे निपटान को देखने का निर्देश दिया है।

इस मामले में याचिकाकर्ता वी ईश्वरन ने कोर्ट को बताया कि अदालत के 10 अक्टूबर, 2018 को दिए आदेश के बावजूद इस डंप साइट को ठीक नहीं किया गया है और अभी भी वहां कचरा डंप किया जा रहा है। जानकारी दी गई है कि डंप साइट पर अवैज्ञानिक प्रबंधन के कारण 8 अप्रैल, 2022 को प्लास्टिक कचरा बिनते समय वहां एक महिला की मौत हो गई थी।

बुलंदशहर में तालाब पर होते अतिक्रमण और प्रदूषण से हो रहा भूजल दूषित

हरि प्रसाद शर्मा द्वारा एनजीटी के समक्ष दायर आवेदन में कहा है कि उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के खुरियावली गांव में एक तालाब पर होते अतिक्रमण और प्रदूषण के कारण भूजल दूषित हो रहा है। कोर्ट ने मामले को ध्यान में रखते हुए बुलंदशहर के जिलाधिकारी को मामले की जांच करने और कानून के तहत बहाली के लिए जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को दो महीनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति को दो महीने के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश है। मामला दिल्ली के मौजपुर में आवासीय क्षेत्रों में चल रहे अवैध कारखानों और उनके द्वारा पर्यावरण नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है। 

इस मामले में एनजीटी के समक्ष दायर एक आवेदन में कहा गया था कि यह कारखाने प्लास्टिक बैग और जींस का निर्माण कर रहे हैं। इसके लिए वो एसिड, गोंद और अन्य जहरीले पदार्थों का भी उपयोग करते हैं, जिससे प्रदूषण होता है।

बैकुंठ आश्रम द्वारा गंगा नदी में नहीं छोड़ा जाएगा गन्दा पानी, एनजीटी ने दिया आदेश

एनजीटी द्वारा 17 अक्टूबर 2022 को दिए आदेश के अनुसार कानपुर देहात के जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना होगा कि बिठूर के लव कुश नगर में बैकुंठ आश्रम से गंगा नदी में कोई अपशिष्ट जल नहीं छोड़ा जाए और वहां कोई अवैध निर्माण नहीं होगा।

गौरतलब है कि 1 सितंबर, 2022 को न्यायालय में आश्रम द्वारा गंगा के बाढ़ के मैदान और सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ एक आवेदन दायर किया गया था।

सुल्तानपुर में ईंट भट्ठे के अवैध संचालन पर एनजीटी ने दिया जांच का निर्देश

एनजीटी ने सुल्तानपुर के जिला मजिस्ट्रेट को दिलशाद हुसैन द्वारा दायर एक शिकायत पर गौर करने का निर्देश दिया है। इस शिकायत में उन्होंने एक ईंट भट्ठे के अवैध संचालन का आरोप लगाया था। आवेदक का कहना है कि यह ईंट भट्ठा स्कूल और बस्ती के पास है जोकि नियमों के अनुसार प्रतिबंधित है।

मोर्टा गांव में तालाब में डाले जा रहे कचरे के खिलाफ की जाए जरूरी कार्रवाई: एनजीटी

एनजीटी ने गाजियाबाद नगर निगम के आयुक्त को मोर्टा गांव में तालाब में डाले जा रहे कचरे के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि वहां क्या कार्रवाई की गई है उसकी रिपोर्ट के साथ तस्वीरों को आयुक्त द्वारा एनजीटी के रजिस्ट्रार जनरल के पास प्रस्तुत की जानी चाहिए।

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