सड़कों की खराब हालत के लिए भारी बारिश का नहीं बनाया जा सकता बहाना: मेघालय हाईकोर्ट

कोर्ट का कहना है कि सड़कों की खराब स्थिति के लिए राज्य या अन्य अधिकारियों द्वारा बारिश का बहाना बनाया जाता है। राज्य में कई अन्य सड़कें भी हैं जो मानसून का सामना कर सकती हैं

By Susan Chacko, Lalit Maurya

On: Wednesday 12 July 2023
 
फुलबारी में अगिया-मेधीपारा-फुलबारी-तुरा (एएमपीटी) सड़क का जायजा लेते मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड कोंगकल संगमा; फोटो: कॉनराड के संगमा/ट्विटर

सड़कों के रखरखाव में अपनी विफलता को छुपाने के लिए बारिश को बहाना देने पर मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार पर नाराजगी व्यक्त की है। इस मामले में कोर्ट का कहना है कि मेघालय में सड़कों की खराब स्थिति के लिए भारी बारिश का बहाना नहीं बनाया जा सकता।

यह एक ज्ञात तथ्य है कि मेघालय दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश वाले स्थानों में से एक है। इसके बावजूद “सड़कों की खराब स्थिति के लिए राज्य या अन्य अधिकारियों द्वारा बारिश का बहाना बनाया जाता है। राज्य में कई अन्य सड़कें भी हैं जो मानसून का सामना कर सकती हैं और भारी बारिश से भी प्रभावित नहीं होती।“

यह बातें मेघालय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति डब्ल्यू डिएंगदोह की पीठ ने कहीं हैं। गौरतलब है कि मेघालय उच्च न्यायलय की यह टिप्पणी अगिया-मेधीपारा-फुलबारी-तुरा (एएमपीटी) सड़क की दयनीय स्थिति के मद्देनजर आई है।

मामले में याचिकाकर्ता ए एच हजारिका का कहना है कि उच्च न्यायालय के पिछले आदेश के बावजूद 33 से 41 किलोमीटर की दूरी में नौ किलोमीटर में सड़क की हालत खराब है। इस हिस्से को तत्काल मरम्मत की जरूरत है लेकिन इसके बावजूद इस पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। नतीजन सड़क पर गड्ढे बन गए हैं, जिनकी वजह से क्षेत्र में यातायात की आवाजाही गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है।

इसी तरह एएमपीटी सड़क के दूसरे हिस्से जोकि 67 से 100 किमी के बीच पड़ता है उसकी लेवलिंग का काम पूरा हो चुका है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इसके बावजूद उसके बड़े हिस्से में जलभराव की समस्या बनी हुई है। इसकी वजह से सड़क की सतह, जिसे 'ब्लैकटॉप' के नाम से जाना जाता है, उसे नुकसान पहुंचा है। इसके चलते वहां से ट्रकों का गुजरना मुश्किल हो गया है, जबकि छोटे वाहनों के लिए इन हिस्सों को पार करना लगभग असंभव हो गया है।

ऐसे में उच्च न्यायालय ने सड़कों के लिए जिम्मेदार राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को इस मुद्दे को हल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि अस्थाई पैचवर्क या मरम्मत पर बार-बार खर्च करने के बजाय सड़क की व्यापक तौर पर मरम्मत की जानी चाहिए, ताकि यह धुबरी से फुलबारी तक ब्रह्मपुत्र पर बनने वाले पुल के पूरा हो जाने के बाद सड़क पर बढ़ने वाले यातायात को संभाल सके।

कैसे किया जाएगा रखरखाव, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट

न्यायाधीशों का सुझाव है कि इस बारे में राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) या उसकी सहायक कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने उत्तर पूर्वी परिषद से धन हासिल करने की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया है, जिसका उपयोग एएमपीटी रोड को मजबूत, चौड़ा करने और साल भर रखरखाव करने के उद्देश्य से किया जाएगा।

न्यायाधीशों का सुझाव है कि इस बारे में राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) या उसकी सहायक कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही कोर्ट ने उत्तर पूर्वी परिषद से धन हासिल करने की संभावना तलाशने का भी सुझाव दिया है, जिसका उपयोग एएमपीटी रोड को मजबूत, चौड़ा करने और साल भर रखरखाव करने के उद्देश्य से किया जाएगा। इसे धुबरी से फुलबारी फ्लाईओवर परियोजना का विस्तार माना जाएगा।

मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य लोक निर्माण विभाग (सड़क) को इस मामले में जल्द से जल्द आवश्यक कदम उठाने और उठाए गए कदमों के बारे में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट में "आज से अगले चार से पांच वर्षों तक सड़क का रखरखाव कैसे किया जाना चाहिए, उसका भी जिक्र होना चाहिए। इस बीच, सड़क पर बने गड्ढों को भरने के लिए अस्थाई उपाय की जाने चाहिए ताकि सड़क को छोटे वाहनों के लिए सुविधाजनक बनाया जा सके।

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