दिसंबर 2023 में 10.75 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कोयला उत्पादन 92.87 मिलियन टन तक पहुंचा

दिसंबर 2023 में कोयला प्रेषण 86.23 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो दिसंबर 2022 में 79.58 मिलियन टन था। यह वृद्धि दर  8.36 प्रतिशत रही

By DTE Staff

On: Tuesday 02 January 2024
 
संचयी कोयला उत्पादन (दिसंबर 2023 तक) वित्तीय वर्ष 23-24 में बढ़कर 684.31 मिलियन टन हो गया। फोटो: अग्निमीर बासु/सीएसई

एक ओर जहां पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन को थामने के लिए कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन पर रोक लगाने की बात कर रहे हैं, दूसरी ओर भारत में कोयला उत्पादन बढ़ता जा रहा है।

कोयला उत्‍पादन पिछले वर्ष के 83.86 मिलियन (8.38 करोड़) टन के आंकड़े को पार करते हुए 92.87 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच गया है और यह 10.75 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। 

सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन दिसंबर 2023 में 8.27 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 71.86 मिलियन टन हो गया है, जबकि दिसंबर 2022 में यह 66.37 मिलियन टन था। 

संचयी कोयला उत्पादन (दिसंबर 2023 तक) वित्तीय वर्ष 23-24 में बढ़कर 684.31 मिलियन टन हो गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 22-23 की समान अवधि के दौरान यह 608.34 मिलियन टन था। यह उत्‍पादन में 12.47 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

दिसंबर 2023 में कोयला प्रेषण 86.23 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो दिसंबर 2022 में 79.58 मिलियन टन था। यह वृद्धि दर  8.36 प्रतिशत रही।

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का प्रेषण दिसंबर 2023 में 66.10 मिलियन टन रहा, जबकि दिसंबर 2022 में 62.66 मिलियन टन था और यह 5.49 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्तीय वर्ष 23-24 में संचयी कोयला प्रेषण (दिसंबर 2023 तक) 11.36 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 709.80 मिलियन टन हो गया है, जबकि वित्तीय वर्ष 22-23 की इसी अवधि के दौरान यह 637.40 मिलियन टन था।

सरकार का कहना है कि पिछले सालों में कोयला क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। उत्पादन, प्रेषण और स्टॉक का स्तर उल्लेखनीय ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। इस वृद्धि में कोयला सार्वजनिक उपक्रमों ने योगदान दिया है और इस प्रगति को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

यह कोयला आपूर्ति श्रृंखला के समर्पण को रेखांकित करता है, जिससे देश भर में कोयले का निर्बाध वितरण सुनिश्चित होता है। कोयला मंत्रालय निरंतर  कोयला उत्पादन और प्रेषण को बनाए रखने, एक विश्वसनीय एवं सुदृढ़ ऊर्जा क्षेत्र के लिए निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है।

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