एनजीटी ने ताज ट्रिपेजियम जोन में चल रही खनन गतिविधियों के आरोपों पर पर्यावरण मंत्रालय से मांगा जवाब

आरोप सर्वोच्च न्यायालय के नियमों और आदेशों को ताक पर रख ताज ट्रिपेजियम जोन में चल रही खनन गतिविधियों से जुड़े हैं

By Susan Chacko, Lalit Maurya

On: Thursday 25 January 2024
 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 23 जनवरी 2024 को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और पर्यावरण मंत्रालय सहित अन्य को ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) के भीतर खनन गतिविधियों के आरोपों पर अपना जवाब देने का निर्देश दिया है।

यह शिकायत भारत के सर्वोच्च न्यायालय के नियमों और आदेशों को ताक पर रख ताज ट्रिपेजियम जोन में हो रहे खनन के बारे में थी। इस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने 17 नवंबर, 2004 को एक आदेश में कहा था कि क्षेत्र के दस किलोमीटर के दायरे में कोई भी विस्फोट कार्य नहीं किया जाना चाहिए।

एनजीटी ने कहा है कि इन सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए अधिकारियों को निम्नलिखित सवालों के जवाब देने की जरूरत है:

  • क्या यह क्षेत्र ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) के अंतर्गत आता है?
  • क्या अस्थाई प्रतिबंध वर्तमान गतिविधियों पर लागू होता है?
  • क्या गतिविधियों में शामिल उद्योग लघु-स्तरीय या सूक्ष्म-स्तरीय हैं?
  • क्या गतिविधियां गैर-प्रदूषणकारी उद्योगों के अंतर्गत आती हैं?
  • क्या इनका परिचालन पर्यावरण के अनुकूल हैं?
  • एसईआईएए और आरएसपीसीबी राजस्थान को इन प्रश्नों के स्पष्ट उत्तर देने का निर्देश दिया गया है।
  • क्या उद्योग लाल, नारंगी या हरी श्रेणी में आता है?

साफ कर दिया गया उद्योग विहार में सड़कों के किनारे फेंका कचरा: एमसीजी रिपोर्ट

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 23 जनवरी 2024 को गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) द्वारा सौंपी रिपोर्ट पर संतोष जताया है। इस रिपोर्ट में गुरुग्राम के उद्योग विहार में सड़कों के किनारे फेंके कचरे को साफ करने के लिए उठाए कदमों के बारे में कोर्ट को अवगत कराया गया है। नगर निगम ने जानकारी दी है कि आज की तारीख में साइट साफ हो गई है और मौके पर सेकेंडरी कलेक्शन पॉइंट बंद कर दिया गया है।

एमसीजी ने अदालत को यह भी आश्वासन दिया है कि वो बंधवारी गांव में प्रसंस्करण स्थल से ठोस कचरे को उठाने और उसका उचित तरीके से निपटाने करने के लिए सभी कदम उठा रहा है।

यह पूरा मामला गुरुग्राम के उद्योग विहार में सड़कों के किनारे फेंके जा रहे कचरे से जुड़ा है, जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो रहा है। इसका असर पर्यावरण पर भी पड़ रहा है। इतना ही नहीं इसकी वजह से कई अन्य समस्याएं भी पैदा हो रही हैं।

इस मामले में संयुक्त समिति द्वारा 28 अगस्त, 2023 को एक रिपोर्ट सौंपी गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जब समिति ने साइट की जांच की तो उसे खुले क्षेत्र में सड़क किनारे कूड़े के ढेर मिले थे।

वहीं गुरुग्राम नगर निगम ने अपने जवाब में कहा था कि इको ग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को नियमित रूप से कूड़ा उठाना था, लेकिन उसकी ओर से हुई चूक के चलते कूड़ा नहीं उठाया गया। उत्तर से यह भी पता चला है कि जून से अगस्त 2023 के बीच, इको ग्रीन एनर्जी ने 20 से अधिक बार ऐसी गलतियां की थी।

वहीं 20 जनवरी, 2024 को एमसीजी द्वारा दायर हालिया रिपोर्ट में ट्रिब्यूनल को जानकारी दी गई है कि उन्होंने "सेकेंडरी कलेक्शन पॉइंट" का उपयोग बंद कर दिया है और उन्होंने इस साइट को साफ कर दिया है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए पूरे उद्योग विहार पर नजर रख रहे हैं कि कचरे को इकट्ठा किया जाए और उसे बंधवारी नामक गांव में निर्धारित साइट पर ले जाया जाए। इस बारे में उन्होंने मेसर्स इकोग्रीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को भी नोटिस भेजा है। 

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