स्‍वीडन कैसे कचरा मुक्‍त भराव क्षेत्र वाला देश बना  

समान उद्देश्‍य के लिए काम कर रहे कानून, कार्यान्‍वयन और समीक्षा की दिलचस्‍प कहानी  

By Anil Ashwani Sharma

On: Tuesday 25 June 2019
 
Photo: WikiMedia Commons

स्‍वीडन ने कचरे के पुन:उपयोग और पुनर्चक्रण को जीवनशैली का हिससा बनाने के लिए निवेश किया है। स्‍वीडन में 99 प्रतिशत से अधिक घरेलू कचरे का किसी न किसी रूप में पुन: उपयोग किया जाता है। इसतथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए कि 1975 में 38 प्रतिशत घरेलू कचरे का दोबारा इस्‍तेमाल किया जाता था, यह कहा जा सकता है कि पिछले दशकों के दौरान यह देश पुनर्चक्रण क्रांति से गुजरा है। वर्तमान नियम के अनुसार रिसाइकलिंग स्‍टेशन (6000 स्‍टेशन) किसी भी आवासीय क्षेत्र से 300 मीटर से अधिक दूर नहीं हो सकते। आज देश का केवल एक प्रतिशत कचरा भराव क्षेत्र में फेंका जाता है।

यूरोपीय संघ के निर्देशों 2008/98/ईसी के अनुसार चरणबद्ध तरीके से निपटान अपशिष्‍ट प्रबंधन का मूलभूत सिद्धांत है। स्‍थानीय ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन की योजना कई वर्ष पहले 1979 में शुरु हुई। इसके साथ ही कीप स्‍वीडन टाइडी फाउंडेशन के जरिए वर्ष 1983 में एक अभियान शुरु किया गया था जिसमें ठोस अपशिष्‍ट प्रबंधन के संबंध में जागरुकता फैलाने के लिए सार्वजनिक समूहों और एनजीओ की सहायता ली गई थी। कचरे को दोबारा इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने और शहर को साफ रखने जागरुकता अभियान के लिए फाउंडेशन ने स्‍थानीय निकायों के साथ मिलकर काम किया। वर्ष 1994 में कचरा उत्‍पन्‍न करने वाले की जिम्‍मेदारी तय की गई थी जिससे पहले स्‍वीडन के ईपीए ने एक जीवनचक्र मूल्‍यांकन कराया ताकि यह पता लगाया जा सके कि यदि कचरे का दोबारा इस्‍तेमाल बढ़ता है तो देश में बेहतर अपशिष्‍ट प्रबंधन कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है। विस्‍तारित उत्‍पादक उत्‍तरदायित्‍व नीति (ईपीआर) में कचने के निपटान के लिए विकेंद्रीकृत तरीकों को प्राथमिकता दी गई ताकि लागत को न्‍यूनतम किया जा सके और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। ये पहले के एमएसडब्‍ल्‍यू नियमों से बिल्‍कुल अलग है जिसमें सार्वजनिक कचरे के निपटान के लिए केंद्रीकृत तरीकों पर जोर दिया जाता था और अंतत: भराव क्षेत्रों को बढ़ावा मिलता था।

भराव क्षेत्रों को हतोत्‍साहित करना: एसडब्‍ल्‍यूएम नियम 2016 में यह घोषणा की गई है कि शहरों के समूह के लिए साफ भराव क्षेत्रों का निर्माण होते ही मिश्रित कचरे को भराव क्षेत्र में डालना अथवा फेंकना बंद करना होगा। समस्‍या यह है कि यदि भराव क्षेत्र में कचरा डालने की अनुमति दी जाती है, चाहे वह साफ ही क्‍यों न हो, तो अनुपयोगी कचरे को भराव क्षेत्र में डालने की अनुमति न देने संबंधी प्रावधानों को लागू करना कठिन होगा। 

1994 में शुरु किए गए नियम के अनुसार कचरा उत्‍पन्‍न करने वाले ही इसे इकट्ठा करने, इसका निपटान करने और दोबारा उपयोग करने के लिए जिम्‍मेदार होते हैं। उत्‍पादक अंतिम प्रयोक्‍ता को यह सूचित करते हैं कि उन्‍हें किस तरह उत्‍पाद का निपटान करना चाहिए। नगर निकाय केवल उस कचरे का प्रबंधन करते हैं जिसके लिए उत्‍पादक जिम्‍मेदार नहीं है।

स्‍वीडन के पर्यावरणीय कोड के अनुसार, अपशिष्‍ट प्रबंधन योजना का उल्‍लंघन करने पर व्‍यक्ति को एक साल की जेल हो सकती है। व्‍यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। एक परिवार द्वारा कचरे के लिए दिया जाने वाला मासिक शुल्‍क एक घर के लिए 2,000 स्‍वीडिश मुद्रा (लगभग 15,000 रुपए) और एक अपार्टमेंट के लिए लगभग 1,260 स्‍वीडिश मुद्रा (लगभग 10,000) रुपए के बीच है। कचरे को उपयोगी और अनुपयोगी के बीच बांटने को बढ़ावा देने के लिए यह व्‍यवस्‍था की गई है कि जो परिवार कचरे को अधिक मात्रा में अलग करेगा नगर निगम उससे कम शुल्‍क वसूल करेंगे, चूंकि शुल्‍क वजन पर आधारित है: इसलिए कचरा जितना अलग होगा, वजन उतना ही कम होगा।

भराव क्षेत्र कर: भराव क्षेत्र कर 1 जनवरी, 2000 को लागू किया गया था जिसने एमएसडब्‍ल्‍यू को भराव क्षेत्र में जाने से रोकने तथा कचरे को अलग करने एवं इसके पुन: इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने में महत्‍वूपर्ण भूमिका निभाई है। वर्ष 2002, 2003 और अंतत: 2006 में इस कर को बढ़ाने से एमएसडब्‍ल्‍यू के पुन: इस्‍तेमाल किए जाने वाले सामान में लगातार बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2016 में भराव क्षेत्र कर एक टन के लिए 500 स्‍वीडिश मुद्रा (लगभग 4,000 रुपएा) हो गया है। जैविक तथा अन्‍य सामान के पुन: इस्‍तेमाल को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2006 में कचरे को जलाने पर भी कर लगाया गया था लेकिन 2010 में इसे समाप्‍त कर दिया गया। वर्ष 2001 में स्‍वीडन की सरकार ने भराव क्षेत्र संबंधी अपशिष्‍ट अध्‍यादेश(2001:512) जारी किया था जिसमें कुछ अपवादों (ईटीसी/एससीपी, 2009) के साथ ज्‍वलनशील अपशिष्‍ट (2001 से) और जैविक कचरे (2005 से) को फेंकने से रोककर आने वाले वर्षों में अपनाए जाने वाले उपाय निर्धारित किए गए हैं। 

अपशिष्‍ट संबंधी स्‍वीडन की कार्य योजना 2012-17 में ध्‍यान दिए जाने वाले मुख्‍य क्षेत्र हैं:

  • 2020तक निर्माण और तोड़-फोड़ के 70 प्रतिशत कचरे का पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग
  • 50प्रतिशत खाद्य अपशिष्‍ट जैविक उपचार (पाचन) के लिए भेजना ताकि 2018 तक 40 प्रतिशत बायो गैस का उत्‍पादन किया जा सके
  • घरेलू कचने के पुन: इस्‍तेमाल और पुनर्चक्रण को बढ़ाना चाहिए,कचरा कम होना चाहिए
  • 90प्रतिशत परिवार कचरा इकट्ठा करने की प्रक्रिया से संतुष्‍ट हों
  • कचरे के निपटान से खतरनाक पदार्थों के फैलने का खतरा कम होना

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