देश के 80 फीसदी घरों को मुहैया नहीं है पानी का पाइप कनेक्शन
एनएनएसओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण भारत में लगभग 90 फीसदी घरों में पाइप कनेक्शन की सुविधा नहीं है, वहीं लगभग 48 फीसदी ग्रामीणों को साफ पानी नहीं मिल रहा है
On: Tuesday 26 November 2019
नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस की रिपोर्ट के मुताबिक देश के हर पांच में से एक (21.4 फीसदी) घर में ही पीने के पानी का पाइप कनेक्शन है। ग्रामीण भारत में तो स्थिति और भी गंभीर है, जहां सिर्फ 11.3 फीसदी घरों को ही पीने के पानी की सप्लाई की जाती है। शहरी इलाकों में 40.9 फीसदी घरों में पाइप कनेक्शन है। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नल से जल स्कीम के तहत 2024 तक देश के हर घर तक पीने के पानी का कनेक्शन पहुंचाने की योजना को पूरा करना केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनने वाली है।
देश में तकरीबन 58.3 फीसदी घर अब भी हैंडपंप, ट्यूबवेल, सार्वजनिक नलों, आस पड़ोस से आने वाला पाइप वाले पानी, ढंके या खुले कुएं और निजी या सार्वजनिक नलों पर निर्भर करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हैंडपंप पीने के पानी का सबके भरोसेमंद स्रोत है। गांवों में पानी की जरूरत का 42.9 फीसदी हैंडपंप से आता है। पेयजल, सफाई, हाईजीन और रहने की परिस्थितियों के आधार पर शहरों में पीने के पानी का प्राथमिक स्रोत पाइप कनेक्शन हैं।
नहीं उपलब्ध साफ पानी
कुल मिलाकर देश के 48.6 फीसदी ग्रामीण घरों और 28 फीसदी शहरी घरों को सालभर पीने के पानी का बेहतर स्रोत नहीं मिलता है। इतना ही नहीं, 11.3 फीसदी घरों को सालभर अपने पानी के प्राथमिक स्रोत से पर्याप्त पीने का पानी नहीं मिल पाता है। एनएसएसओ द्वारा जुलाई से दिसंबर 2018, के बीच कराए गए सर्वे में घरों को पीने का पानी मुहैया करने वाले स्रोतों का अध्ययन किया गया। इसमें देशभर के 27.1 करोड़ घरों को कवर किया गया जिनमें औसतन 4 सदस्य थे।