कूनो नेशनल पार्क में छह चीतों के हटाए गए रेडियो कॉलर

नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए गए दो चीतों की मौत के लिए रेडियो कॉलर को दोषी ठहराया गया था

By Himanshu Nitnaware, Lalit Maurya

On: Friday 28 July 2023
 
File Photo: @KunoNationalPrk / Twitter

अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों की सलाह के बाद मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छह चीतों के रेडियो कॉलर हटा दिए गए हैं। गौरतलब है कि सितंबर 2022 से भारत में बसाने के लिए कूनो राष्ट्रीय उद्यान लाए गए 20 चीतों में से कम से कम आठ की अब तक मौत हो चुकी है। इन चीतों को नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था।  

इनमें से, दो चीतों की मौत संभवतः सेप्टिसीमिया के कारण हुई थी। माना जा रहा है कि इस संक्रमण के लिए अत्यधिक नम परिस्थितियां में रेडियो कॉलर के कारण हुए घाव जिम्मेवार थे। इन दोनों चीतों की गर्दन पर चोट के निशान पाए गए थे।

25 जुलाई 2023 को, दो जंगली बिल्लियों - नर चीता प्रभास और मादा चीता वीरा - को स्वास्थ्य जांच के लिए बाड़े या बोमा में वापस लाया गया। अधिकारियों ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि यह दोनों चीते पूरी तरह स्वस्थ और सुरक्षित हैं। अधिकारियों ने इस बात की भी पुष्टि की है कि मौजूदा समय में, सात नर और छह मादा सहित 13 चीते बोमा (घेरे) के अंदर हैं।

कथित तौर पर वीरा का कॉलर पहले क्षतिग्रस्त हो गया था। अधिकारियों का कहना है कि “रेडियो डिसफंक्शन के बावजूद, निगरानी टीमें चीतों की गतिविधियों पर हमेशा नजरे जमाए हुए हैं। वे सुरक्षित हैं और निगरानी में हैं।”

द मेटापॉपुलेशन इनिशिएटिव के प्रबंधक और प्रसिद्ध चीता विशेषज्ञ विंसेंट वैन डेर मेरवे ने डाउन टू अर्थ को जानकारी दी थी कि अत्यधिक नम परिस्थितियों में कॉलर से हुए संक्रमण के चलते चार वर्षीय तेजस की 11 जुलाई, 2023 को मृत्यु हो गई थी। इसके बाद 14 जुलाई, 2023 को सूरज भी मृत पाया गया था।

हालांकि, समाचार पत्रों में छपी रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उन रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें कहा गया है कि रेडियो कॉलर के कारण हुए संक्रमण से तेजस और सूरज की मृत्यु हो गई थी।

इससे पहले कूनो में तीन शावकों समेत छह चीतों की जान जा चुकी है। 29 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई मादा चीता 'ज्वाला' ने चार शावकों को जन्म दिया था। तब से उनमें से तीन की मौत हो चुकी है। वहीं चीतों के दो समूहों के बीच झड़प के बाद 'अग्नि' नामक नर चीता घायल हो गया था। इससे पहले मार्च 2023 में, नामीबियाई चीता 'साशा' की गुर्दे की विफलता के चलते मौत की सूचना मिली थी, जबकि 24 अप्रैल 2023 को, हृदय गति रुकने से उदय की मौत हो गई थी। वहीं 9 मई 2023 को अधिकारियों को मादा चीता 'दक्षा' मृत मिली थी।

बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने 72वें जन्मदिन पर आठ नामीबियाई चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था। वहीं 18 फरवरी, 2023 को 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाए गए थे।

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