जीवों के प्रजनन संबंधी व्यवहार पर असर डाल रहा है ग्लोबल वार्मिंग: अध्ययन

शोध का उद्देश्य जानवरों में प्रजनन के पैटर्न पर जलवायु परिवर्तन के पड़ने वाले प्रभावों पर समझ बढ़ाना है

By Dayanidhi

On: Tuesday 12 July 2022
 
फोटो : विकिमीडिया कॉमन्स

एक नए अध्ययन में जानवरों के प्रजनन व्यवहार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। अध्ययन में पाया गया कि जानवरों के गर्म वातावरण में प्रजनन संबंधी व्यवहार में बदलाव आ रहा है।

अध्ययन में 22 प्रजातियों पर तापमान में बदलाव के प्रभाव का विश्लेषण किया गया। इन प्रजातियों में जेकॉस, मेंढक, तितलियां, ड्रैगनफ्लाई, पक्षी और समुद्र में रहने वाले जीवों की एक विशाल विविधता शामिल थी। एबरडीन विश्वविद्यालय के शोध से पता चलता है कि जानवरों के अधिक तापमान में प्रजनन संबंधी व्यवहार में तेजी से बदलाव आ रहा है।

स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज में पशु व्यवहार और संरक्षण में लेक्चरर डॉ. नताली पिलाकोटा ने कहा कि हमारे परिणाम बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन का जानवरों के प्रजनन पर हमने जो उम्मीद की थी, उसके विपरीत, हमने पाया कि अधिक तापमान जानवरों के एक-दूसरे के साथ प्रजनन करने संबंधी व्यवहार बदल सकता है।

डॉ. पिलाकोटा ने बताया कि पिछले शोध ने आम तौर पर एकल प्रजातियों पर गौर किया, जिससे सामान्य पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो जाता है कि पशु आबादी बदलती जलवायु पर कैसे प्रतिक्रिया करेगी।

उन्होंने कहा इस अध्ययन ने इसके विपरीत, प्रकाशित अध्ययनों की एक श्रृंखला से आंकड़ों का उपयोग किया, जिससे हमें प्रजातियों में आम पैटर्न का पता लगाने का मौका मिला। नतीजतन इसने हमें प्राकृतिक आबादी पर बढ़ते तापमान के प्रभावों को बेहतर ढंग से समझने में मदद की।

अध्ययन के निष्कर्ष वैज्ञानिकों को जानवरों के प्रजनन पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का अनुमान लगाने में मदद कर सकते हैं। अध्ययन यह समझने में भी मदद करेगा कि कैसे आबादी एक गर्म होती दुनिया के अनुकूल हो सकती है।

डॉ. पिलाकोटा ने आगे कहा दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के बारे में यह समझने की आवश्यकता है कि आबादी बढ़ते तापमान पर कैसे प्रतिक्रिया देगी। प्रजनन व्यवहार पर तापमान में होने वाले बदलाव के प्रभावों को समझना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। खासकर आबादी पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है।

डॉ. पिलाकोटा ने बताया कि इस शोध ने एशिया, उत्तरी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूके सहित दुनिया भर में किए गए 53 अध्ययनों पर विचार किया और यह इनमें से अपनी तरह का पहला अध्ययन है।

मानव गतिविधि के कारण जानवरों की आबादी में व्यवधान एक बड़ी चिंता का विषय है, खासकर संरक्षण को लेकर और यह अध्ययन इन प्रभावों को समझने में हमारी मदद करने के लिए अहम है।

अध्ययनकर्ता ने कहा कि हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि जानवरों के बहुत अधिक तापमान पर एक-दूसरे के साथ प्रजनन प्रजनन संबंधी व्यवहार में बदलाव आ रहा है, लेकिन हम अभी तक नहीं जानते हैं कि पैदा होने वाली संतानों की संख्या या उन संतानों के जीवित रहने पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ एनिमल इकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है।

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