क्या समुद्र की सतह से गहराई तक कार्बन खींचने की दर को धीमा कर रहा है माइक्रोप्लास्टिक?

माइक्रोप्लास्टिक समुद्र की सतह से गहराई तक कार्बन ले जाने की दर को धीमा करके जलवायु संकट को दूर करने में मदद करने वाले समुद्र की क्षमता को कम कर सकता है।

By Dayanidhi

On: Friday 24 May 2024
 
प्लास्टिक समुद्र में कछुओं, मछलियों और अन्य समुद्री जीवों का दम घोंटने के अलावा जलवायु में बदलाव को भी अंजाम दे रहा है। फोटो साभार: आईस्टॉक

प्लास्टिक समुद्र में कछुओं, मछलियों और अन्य समुद्री जीवों का दम घोंटने के अलावा जलवायु में बदलाव को भी अंजाम दे रहा है

मरीन केमिस्ट्री नामक पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चलता है कि माइक्रोप्लास्टिक समुद्र की सतह से गहराई तक कार्बन ले जाने की दर को धीमा करके जलवायु संकट को दूर करने में मदद करने वाले समुद्र की क्षमता को कम कर सकता है।

शोधकर्ता ने अध्ययन के हवाले से कहा कि सदियों से, महासागर कार्बन जमा करने की प्रक्रिया का हिस्सा रहे हैं, जिसमें मृत फाइटोप्लांकटन एक साथ इकट्ठा होते हैं और "समुद्री बर्फ" की तरह दिखने वाले के रूप में गहरे समुद्र में समा जाते हैं।

शोधकर्ता का कहना है कि समुद्र कार्बन को उसी तरह से अलग कर संग्रहित करने की क्षमता रखता है, जिस तरह धरती पर पेड़ और पौधे वायुमंडल से कार्बन लेते हैं और इसे मिट्टी में जमा करते हैं।

लेकिन इस नए शोध से पता चलता है कि समुद्र में माइक्रोप्लास्टिक "समुद्री बर्फ" को प्रभावित कर प्रक्रिया को धीमा कर रहे है। यदि फाइटोप्लांकटन मुक्त जीवित जीवों के बजाय बायोफिल्म में माइक्रोप्लास्टिक पर उगते हैं, तो इससे फाइटोप्लांकटन की मरने पर यह प्रक्रिया बदल जाती है।

सबसे अहम बात यह है कि प्लास्टिक समुद्री बर्फ के डूबने की दर को धीमा कर रहा है, जो हो सकता है उस तेजी को कम कर रहा है जिसके साथ महासागर वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को हटा सकता है।

शोध के लिए शोधकर्ताओं ने माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में और उसके बिना टैंकों में छोटे एक-कोशिका वाले प्लांक्टन या प्लवक को विकसित किया।

शोधकर्ताओं ने समुद्री पानी से भरे एक मापने वाले सिलेंडर में फाइटोप्लांकटन के गुच्छों को रखा और माइक्रोप्लास्टिक के साथ जुड़े फाइटोप्लांकटन को दूसरे सिलेंडर में रखा।

शोधकर्ता ने शोध में बताया कि बिना प्लास्टिक वाले फाइटोप्लांकटन जल्दी से डूब गए। जबकि प्लास्टिक वाले डूबने में लगभग 20 फीसदी धीमे थे। अध्ययन से पता चलता है कि माइक्रोप्लास्टिक के साथ मिश्रित समुद्री बर्फ की डूबने की दर धीमी हो रही है, यह कार्बन के अलग होने से पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

शोधकर्ता ने शोध के हवाले से बताया कि जैसे-जैसे कार्बन डूब रहा है, उसे समुद्र की अथाह गहराइयों में ले जा रहा है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कार्बन डाइऑक्साइड के मानव उत्सर्जन के कारण महासागर गर्म हो रहे हैं।

साल 2023 में किए गए इसी तरह के एक अध्ययन के दूसरे भाग में पाया गया कि समुद्र की सतह पर सूरज की रोशनी में घुलने वाले माइक्रोप्लास्टिक फाइटोप्लांकटन के लिए पोषक तत्वों की उपलब्धता को कम कर देते हैं।

शोध के हवाले से शोधकर्ता का कहना है कि सूर्य के प्रकाश के संपर्क में आने पर, माइक्रोप्लास्टिक चीनी के कणों की तरह घुल जाते हैं और कार्बनिक कार्बन का उत्पादन करते हैं जिसे बैक्टीरिया भोजन के रूप में उपयोग कर सकते हैं। लेकिन बढ़ते बैक्टीरिया को भी नाइट्रोजन और फास्फोरस की आवश्यकता होती है और वे इसे फाइटोप्लांकटन से पोषक तत्व चुराकर और अपनी वृद्धि को धीमा करके हासिल कर सकते हैं।

शोध के मुताबिक, फाइटोप्लांकटन समुद्र के पौधे हैं वे वायुमंडल से कार्बन ग्रहण करते हैं। इसलिए, प्लास्टिक कार्बन जोड़कर, ये जैविक कार्बन पंप की दक्षता को और कम कर देते हैं।

आज, हम हर जगह माइक्रोप्लास्टिक को देख सकते हैं। समुद्र में इसकी मात्रा लगातार बढ़ रही है। यह दुनिया भर की प्रक्रियाओं, जैसे कि कार्बन चक्र, जो सभी तरह के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, के लिए खतरा हो सकता है।

शोधकर्ता ने मुताबिक, वैज्ञानिकों के पास अभी भी निश्चित रूप से यह कहने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है कि माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी से समुद्र की कार्बन सोखने की क्षमता कमजोर हो जाएगी या माइक्रोप्लास्टिक का स्तर कितना खतरनाक हो सकता है।

लेकिन अध्ययन से पता चलता है कि कार्बन चक्र पर माइक्रोप्लास्टिक के कारण कुछ तो खतरनाक प्रक्रिया हो रही है, जो इस बात पर गौर करने का सुझाव देता है कि हमें इसके बारे में सावधानी से सोचना चाहिए।

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